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बरेली:आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 105वें उर्स-ए-रज़वी का आगाज़ परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ शुरू।

नन्दकिशोर शर्मा@express views

बरेली ।आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 105वें उर्स-ए-रज़वी का आगाज़ परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गया। रात में नातिया मुशायरा और हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स की सभी रस्में दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत में दरगाह परिसर और इस्लामिया मैदान में अदा की जा रही हैं। नेपाल, साउथ अफ्रीका, मलावी, यूके, बांग्लादेश ,श्रीलंका के अलावा देश के कोने कोने से ज़ायरीन पहुंच गए हैं।

मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि आज इस्लामिया मैदान में रज़वी परचम मुख्य गेट पर नसब कर दिया गया। रज़वी परचम लहराते ही विधिवत उर्स का आगाज़ हो गया। नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर, मसलक-ए-आला हज़रत ज़िंदाबाद के नारों के बीच दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) ने अपने दस्ते मुबारक से (हाथों) सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां, सय्यद आसिफ मियां व देश-दुनिया से आये उलेमा की मौजूदगी में परचम कुशाई की रस्म अदा की। यहां फातिहा के बाद खुसूसी दुआ की गई। परचम कुशाई होते ही फ़िज़ा में आला हज़रत की लिखी नात और मनकबत गूंजने लगी।

इससे पहले आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास पर फातिहाख्वानी का एहतिमाम हुआ। लंगर के बाद परचमी जुलूस दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की क़यादत में कुमार टाकीज, इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुंचा। यहां सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह से दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की क़यादत में वापिस इस्लामिया मैदान पहुंचा। बाद नमाज़-ए-मग़रिब महफ़िल-ए-मिलाद पेश की जाएगी। वहीं रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हज़रत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम मुफ्ती हामिद रज़ा खान (हामिद मियां) के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।

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