
बरेली।राम मंदिर कई मुस्लिम नेता स्वागत कर रहे सवाल पर तौकीर रजा ने कहा राम मंदिर बन गया है इसका हम भी स्वागत कर रहे है और स्वागत करना चाहिए क्योंकि ये हिंदुओ की आस्था का केन्द्र है। पूरी दुनिया में जो हिन्दू बसते हैं उन सबकी आस्था का केन्द्र है राम मंदिर का शिलान्यास होने से आज तक हिंदुस्तान किन किन परेशानियों से गुजरा इन तमाम चीज़ों को देखते हुए मैं ये कहता हूं कि हिंदू समाज ने जो कुर्बानिया दी है ,सियासत अपनी जगह है।लोगो ने सियासत के लिए तमाम खेल, खेले है लेकिन वो एक आम हिदू जो तमाम तकलीफें और परेशानी उठाता था आँसू गैस भी चल रहा है गोली भी चल रही है। लाठी भी चल रही है लेकिन इसके बावजूद वो राम के नाम पर निकल कर आता था।उस राम भक्त को मैं सलाम करता हूँ और उसकी खुशी में मैं बराबर का शरीक हु साथ ही मैं ये कहता हूं राम मंदिर के रामलला की आस्था जिन लोगों के दिलो में थी उन लोगों की आस्थाओ हेतराम हम लोगों ने किया है और ऐसे ही हमारी आस्थाओं का उन लोगों को हेतराम करना चाहिए।रामलला से मोहब्बत की बुनियाद पर हमने बाबरी मस्जिद को सब्र किया और अपने मुल्क को फसाद से बचाने के लिए कुर्बानी दी।नतीजा ये है कि आज हिदुस्तान में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का वक़्त आया है मुबारकबाद के मुसतेक है तमाम राम भक्त साथ ही इतनी पीड़ा भी है लोगो के दिलो में खासतौर से जितने शंकराचार्य है देखता हूँ उनके दिलों में खाफी पीड़ा है क्योंकि उनके मज़हब के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा का जो मामला है वो शंकराचार्ययो की जिम्मेदारी है उनके द्वारा किया जाना चाहिए। मर्यादाओ का उल्लंघन करना ये नरेंद्र मोदी की पुरानी आदत है।और इस वक़्त भी सियासत तुम्हारे हाथ में है सियासी फैसले तुम्हें करने चाहिए सियासी उद्घाटन तुम्हें करने चाहिए ठीक है लेकिन ये मज़हबी मामला है। मज़हबी मामलात जो मज़हबी लोग हैं जो धर्मगुरु है उनके जरिये शिलान्यास हुआ है और उन्ही के जरिये इसका उद्घाटन भी किया जाना चाहिए ।मैं पूरी के शंकराचार्य के समर्थन में खड़ा हूँ जो उन्होंने कहा है मर्यादा पुरुषोत्तम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है और मर्यादाओ को पामाल किया जा रहा है। ये बहुत अफसोस की बात है।
मैंने क्या गम का इज़हार किया है मैने भी वही बात कही है ।अपने हिदू भाइयों की खुशी में हम बराबर के शरीक है।लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूं आपकी खुशी में बराबर शरीक है लेकिन हमारे लिए गम का बाइस मत बनिये अयोध्या अपने मुल्क में अमनोअमन बनाने के लिए बाबरी मस्जिद को सब्र किया और अपने भाइयों को खुश होने का मौका दिया खुशी में हम बराबर के शरीक है।लेकिन ये फिरका परस्त ताकते जो हिदू मुस्लिम दंगे करना चाहती है फसाद करना चाहती है एक हज़ार मस्ज़िदों की लिस्ट लेकर बैठी हुई है मै ये कह देना चाहता हूं आगे किसी भी माज़िद पर दावेदारी की जाती है या तोड़ने की कोशिश की जाती है तो मुँह तोड़ जवाब दिया जाएगा।