
बरेली : मीरगंज के गांव बहरोली में अधिवक्ता ने जायदाद की खातिर अपनी मां और पिता की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस मामले में अधिवक्ता बेटे को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है, और उस पर दस हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। इस मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियेजक सुनीति कुमार पाठक ने प्रभावी पैरवी की। उनके साक्ष्यों के आधार पर अधिवक्ता को सजा सुनाई गई है।
सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश ने अपनी मां मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है।
अपर सत्र न्यायाधीश के यहां इस केस की पैरवी उनके निर्देश पर अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय कर रहे थे। वह भी लगातार इस केस पर नजर बनाए हुए थे। प्रभावी पैरवी करके हत्यारे को दोषित कराने में सफलता प्राप्त हुई। साक्ष्य के आधार पर ही सजा सुनाई गई है।
इस मामले में अधिवक्ता के भाई दुर्वेश कुमार के भाई अधिक्ता उमेश कुमार ने भाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अधिवक्ता उमेश कुमार के मुताबिक 13 अक्टूबर 2020 को वह और उनकी पत्नी हेमलता गंगवार अपने माता-पिता के लिए चाय लेकर जा रहे थे।
जब वह मंदिर के पास पहुंचे तो घर से फायर की आवाज सुनाई दी। जब वह महिपाल के घर के पास पहुंचे थे तो उन्होंने देखा उनका सगा भाई दुर्वेश कमरे से पिता के शव को कमरे में ले जा रहा था। उनकी चीख सुनकर आरोपी तमंचा लेकर उनकी ओर दौड़ा कि इतने में उनकी मां शौचालय से बाहर आई थी इतने में दुर्वेश ने उनको भी गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया था। घटना को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा रही थी।