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जंतर मंतर दिल्ली पर योग प्रशिक्षकों ने अपनी मांगो के समर्थन में किया प्रदर्शन

विभाकर उपाध्याय@express views

नई दिल्ली।राष्ट्रीय योग आंदोलन के आवाहन पर देश के विभिन्न राज्यों के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कार्यरत योग प्रशिक्षक जंतर मंतर दिल्ली पर एकत्र हुए व अपनी मांगो के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक योजना में उक्त सभी योग प्रशिक्षक कार्यरत है जो निरंतर अपनी सेवाए दे रहे।विडंबना देखिए आज के महंगाई के दौर में इन योग शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया है।जिसमे केंद्र द्वारा प्रति सत्र 250 रुपए का भुगतान किया जाता है।


भारत सरकार आयुष का बजट तो हर वर्ष बढ़ाती है किन्तु योग शिक्षकों के वेतन में आज तक कोई वृद्धि तक नहीं हुई।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस करोड़ों रुपए का बजट खर्च होता लेकिन इन योग शिक्षकों के हाथ खाली के खाली रहते है।

धरने में उत्तर प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड झारखंड छत्तीस गढ़ नई दिल्ली बिहार उड़ीसा महाराष्ट्र सहित हजारों की संख्या में योग प्रशिक्षक जुटे और धरना प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश से आए योग प्रशिक्षक साथियों ने अपनी मांगो को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
योग प्रशिक्षकों का कहना है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय आयुष मिशन दोनो भारत सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम हैं जिसमे केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत योग स्पेशलिस्ट को 32000 रुपए वेतन मिलता है तो वही दूसरी ओर राष्ट्रीय आयुष मिशन में कार्यरत योग स्पेशलिस्ट पुरुषों को 8000 व महिला को 5000 वेतन दिया जा रहा है।जो की आज की महंगाई को देखते हुए काफी कम है।
आयुष हैल्थ वेलनेस सेंटर एवं योग एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश महासचिव विभाकर उपाध्याय ने बताया कि NHM में कार्यरत योग स्पेशलिस्ट की तर्ज पर NAM (NATIONAL AYUSH MISSION) में कार्यरत योग प्रशिशकों को स्थाई नियुक्ति देकर वेतनमान 32000 दिया जाए।
दोनो ही कार्ययोजना केंद्र द्वारा संचालित है फिर योग प्रशिक्षकों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जाना चाहिए।
योग प्रशिक्षक अभी आंशिक तौर पर जनसामान्य को स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर रहे है इन सभी शिक्षकों को नियमतीकरण करके जनसामान्य को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा सकता है।
प्रदर्शनकारियों ने पैदल मार्च निकाला और सरकार को जगाने के लिए खूब नारेबाजी की।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार इन अति कुशल योग शिक्षकों को सम्मान के साथ साथ सम्मानजनक वेतन भी मिलना चाहिए तभी भारत विश्व गुरु बनेगा।

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