- व्यापारियों के समर्थन में धरने पर बैठे
बरेली। बीडीए की मनमानी के खिलाफ शनिवार को व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा। बीडीए कहीं तो नक्शे के विपरीत अवैध निर्माण पर निर्माण कराए जा रहा है तो कहीं चलते हुए शोरूम बंद करवा देता है। किरायेदारों पर मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं। शनिवार को व्यापारियों के समर्थन में मेयर डा. उमेश गौतम प्रेमनगर पहुंचे। जाकी के शोरूम को सील करने के लिए बीडीए की टीम पहुंची हुई थी। इसी दौरान व्यापारी नेताओं ने हल्ला बोल दिया। बीडीए कर्मियों और व्यापारी नेताओं के बीच नोकझोंक, हाथापाई और धक्का मुक्की होने लगी। दोनों ओर से मुकदमा दर्ज कराने के लिये प्रेमनगर थाने में तहरीर दी गई है।
जुलाई में प्रभातनगर कालोनी गेट के किनारे व्यावसायिक प्रतिष्ठान के अवैध निर्माण के आरोप में सील किया गया था। आरोप है कि मोहित शौरी और कृष्णा सक्सेना ने सील तोड़कर प्रतिष्ठान दोबारा खोल दिया। बीडीए ने मंडलायुक्त से शिकायत के बाद दोनों के खिलाफ थाना प्रेमनगर में अवैध निर्माण करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई। शनिवार को बीडीए की टीम फिर से सील लगाने पहुंची तो व्यापारी इक्कठा हो गए। व्यापारियों के समर्थन में मेयर डा. उमेश गौतम भी मौके पर पहुंच गये। इसके बाद खूब नारेबाजी और धक्का मुक्की हुई। इसी दौरान विरोध शुरू हो गया। बीडीए टीम के बीच व्यापारियों की नोकझोंक हो गई। मामला हाथापाई, धक्का मुक्की तक पहुंच गया। तमाम व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर बीडीए टीम का विरोध किया। हंगामा विरोध के बाद प्रेम नगर पुलिस समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। व्यापारी रोहित शौरी की ओर से प्रेमनगर थाना में बीडीए के एई अनिल कुमार, जेई रमन, कर्मचारी वीरेंद्र सिंह सहित 20 से 25 लोगों पर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने, दुकान के अंदर घुसकर गल्ले से पांच हजार रुपये निकालने, धमकी देने के आरोप में तहरीर दी गई है।
जाॅकी शोरूम को सील कर एफआईआर कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को हुये हंगामे के बाद बरेली विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में हैं। बीडीए अफसरों ने एक वीडियो को लखनऊ में शासन के अफसरों को भेजा है। डीएम, एसएसपी और कमिश्नर को भी वीडियो भेजा गया है। वीडियो में व्यापारियों और बीडीए के सुपरवाइजर वीरेंद्र सिंह के साथ नोकझोंक हो रही है। व्यापारी हंगामा करने के साथ ही वीरेंद्र सिंह से उनकी आईडी मांग रहे हैं कि वह वास्तविक कर्मचारी हैं कि नहीं। वीसी बीडीए मनिकंडन ने सभी अफसरों से इस मामले में बातचीत शुरू कर दी है। दरअसल हंगामा करने वाले अधिकांश व्यापारी नेता भाजपा से जुड़े हैं। मेयर डा. उमेश गौतम भाजपा से हैं। व्यापारियों को उनका समर्थन है। इसके अलावा शहर में बरेली विकास प्राधिकरण के रवैये को लेकर लंबे समय से व्यापारियों और आम आदमी में गुस्सा है। ऐसे हालत में अब देखना है कि पुलिस दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज करती है, या मामले में सुलह समझौते की कोशिश होगी।
बरेली के मेयर डा. उमेश गौतम भाजपा के कद्दावर नेता हैं। महानगर से लेकर क्षेत्र और पार्टी हाईकमान उनके साथ है। आरएसएस से लेकर लखनऊ और दिल्ली बैठे सत्ता के नेताओं में उनकी गहरी पैठ है। पिछले सालों में उन्होंने ये साबित भी किया है। नगर आयुक्त से अनबन के बाद उन्होंने उनका ट्रांसफर करवा दिया। एक कमिश्नर से हुई पंगेबाजी के बाद मंडलायुक्त को भी अपना बोरिया बिस्तर समेटकर बरेली से जाना पड़ा। पार्टी के कुछ नेताओं की भितरघात के बावजूद डा. उमेश गौतम ने मेयर का टिकट लिया और सर्वाधिक वोटों से जीत हासिल कर ऐसे लोगों को मुंह बंद कर दिया जो उन्हें कमजोर प्रत्याशी बता रहे थे। बीडीए के सताये हुये व्यापारियों को मेयर का साथ मिल गया है। इसी वजह से उन्होंने बीडीए के अफसरों के खिलाफ बगावत बुलंद कर दी है। ऐसे में व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से अफसर भी बच रहे हैं, कोई भी अधिकारी व्यक्तिगत मोर्चा लेने से कतरा रहा है। यही वजह है कि कार्रवाई को लेकर आम सहमति और वरिष्ठ अफसरों का रुख जानने के लिये उनका मुंह ताका जा रहा है।