लखनऊ : सीएम योगी ने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनपदों में राजस्व वादों के निस्तारण और प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।
▶️सभी मंडलायुक्त, पुलिस जोन ADG, पुलिस रेंज IG, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक आदि फील्ड में तैनात अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहभागिता की।
▶️IGRS में मिलने वाले आवेदन हों या CM Helpline अथवा थाना, तहसील, विकासखंड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ताओं की सुनवाई की जाए।
▶️नामान्तरण, पैमाइश, लैंड यूज चेंज, वरासत आदि आम आदमी से जुड़े मामले किसी भी दशा में लम्बित नहीं रहने चाहिए। तय समय सीमा के भीतर मामलों का निस्तारण होना ही चाहिए।
▶️हर जिलाधिकारी तहसीलों की और मंडलायुक्त अपने क्षेत्र के जिलों की नियमित समीक्षा करें।
▶️किस विभाग में आम आदमी के कितने आवेदन लम्बित हैं, क्यों लम्बित हैं, इसकी समीक्षा करें और जवाबदेही तय करें। मिथ्या/भ्रामक रिपोर्ट लगाने वाले कार्मिकों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए :
▶️सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण के मामले संवेदनशील हैं। सड़क सभी के लिए है, आवागमन के लिए है, यह बिल्डिंग मटेरियल का सामान रखने, निजी वाहन पार्किंग बनाने, दुकान बनाने अथवा किसी के अनधिकृत कब्जे के लिए नहीं है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।
▶️लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण के मामलों में संवाद और समन्वय की नीति अपनाई जाए।
▶️सभी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग के साथ मिलकर स्थानीय निकायों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएं कि प्रदेश में कहीं भी आवागमन बाधित कर अनधिकृत कब्जा न हो :
▶️धर्मस्थलों पर अथवा गीत-संगीत के कार्यक्रमों में तय मानक से अधिक आवाज तथा निर्धारित समय के बाद लाउडस्पीकर/DJ न बजें।
▶️कानफोड़ू स्वर वृद्धजन, रोगियों और स्कूल-कॉलेज के बच्चों के लिए बड़ी समस्या है। पूर्व में इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई हुई थी। एक बार फिर इसका निरीक्षण करें। जहां स्थिति ठीक न हो, तत्काल लाउडस्पीकर उतारे जाएं :