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बरेली जंक्शन पर जनरल टिकटों की बंपर बिक्री, प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़

 

बरेली। जंक्शन पर यात्रियों की बेतहाशा भीड़ इस बात का प्रमाण है कि रेलवे के इंतजाम पूरी तरह नाकाफी साबित हो रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में इन दिनों स्टेशन पर जनरल टिकटों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। बरेली जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 13 हजार जनरल टिकटें बेची जा रही हैं, जिनमें 90% यात्री प्रयागराज जाने वाले हैं।

प्रयागराज में महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, और इसी के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ भी लगातार बढ़ रही है। ट्रेनों की स्थिति यह है कि आरक्षित कोचों में लंबी प्रतीक्षा सूची के बावजूद टिकट बुकिंग जारी है। वहीं, अनारक्षित कोचों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची है। यहां तक कि लगेज यान, दिव्यांग कोच और महिला कोच भी ठसाठस भरे हुए हैं।

अव्यवस्था और भीड़ के कारण बढ़ रहा हादसे का खतरा

बरेली से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। सामान्य दिनों में यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में रोजाना 32-35 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन महाकुंभ के कारण यह आंकड़ा 60-65 हजार तक पहुंच गया है।

इस भारी भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ने 26 महाकुंभ विशेष ट्रेनों का संचालन किया है, लेकिन यह भीड़ के सामने अपर्याप्त साबित हो रही हैं। नौचंदी एक्सप्रेस और बरेली-प्रयागराज एक्सप्रेस जैसी नियमित ट्रेनें पहले से ही फुल चल रही हैं।

शनिवार रात और रविवार को बरेली से छह महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें गुजरीं, लेकिन श्रद्धालुओं को इनमें पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। कई यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए हाथापाई और धक्का-मुक्की तक करनी पड़ी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि जीआरपी, आरपीएफ और सिविल पुलिस को तैनात करना पड़ा।

बरेली में चार स्टेशनों से यात्री कर रहे यात्रा

बरेली शहर में चार प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जहां से यात्रियों की भारी आवाजाही हो रही है।

1. बरेली जंक्शन – उत्तर रेलवे के अधीन और सबसे व्यस्त।

2. बरेली सिटी स्टेशन – पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत, जहां से त्रिवेणी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें गुजरती हैं।

3. इज्जतनगर स्टेशन – पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत, यात्रियों की संख्या बढ़ी।

4. भोजीपुरा स्टेशन – यहां से भी कई ट्रेनें गुजर रही हैं।

 

बरेली जंक्शन सबसे व्यस्त बना हुआ है, लेकिन सिटी, इज्जतनगर और भोजीपुरा स्टेशनों पर भी यात्रियों का जबरदस्त दबाव बना हुआ है।

महाकुंभ के लिए अतिरिक्त ट्रेनें और कोच भी नाकाफी

रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े हैं और 26 महाकुंभ विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन यह भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है।

सप्ताहांत और छुट्टी के दिनों में भीड़ का दबाव कई गुना बढ़ जाता है। शनिवार और रविवार को बरेली जंक्शन, इज्जतनगर और बरेली सिटी स्टेशनों पर यात्रियों का इतना भारी दबाव था कि प्लेटफॉर्म पर खड़ा होना तक मुश्किल हो गया।

कैसे बिगड़ रहा है ट्रेनों का गणित?

रेलवे की ओर से बरेली से होकर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्या सीमित है।एक जनरल कोच में अधिकतम 100 यात्री बैठ सकते हैं।

एक ट्रेन में अधिकतम चार जनरल कोच होते हैं, यानी प्रत्येक ट्रेन में केवल 400 यात्री जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं।

बरेली से रोजाना औसतन पांच ट्रेनें प्रयागराज जा रही हैं, यानी 2000 यात्री ही जनरल टिकट पर सफर कर सकते हैं।जबकि, बरेली जंक्शन से रोजाना 13 हजार से ज्यादा जनरल टिकटें बेची जा रही हैं।इसका मतलब यह हुआ कि अधिकतर यात्री ट्रेनों में पहले से ही भरी हुई भीड़ में किसी भी तरह घुसने के लिए मजबूर हैं।

डीएम-एसएसपी ने संभाला मोर्चा, बढ़ाई गई सुरक्षा

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुए हादसे को देखते हुए बरेली जंक्शन पर भी सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं।

रविवार को डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य ने जंक्शन पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यात्रियों की भीड़, ट्रेनों की आवाजाही और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की।

बरेली जंक्शन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सिविल पुलिस के आठ दरोगा और 24 सिपाही तैनात किए गए हैं। रविवार को प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना किया गया।

सुरक्षा बलों की भारी कमी, जीआरपी और आरपीएफ स्टाफ अधूरा

महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के बावजूद जीआरपी और आरपीएफ स्टेशनों पर स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है।जीआरपी थाने में 16 सुरक्षाकर्मियों की कमी है।आरपीएफ थाने में 21 सुरक्षाकर्मियों की कमी बनी हुई है।

पिछले दिनों 14 पुलिसकर्मी अपनी तीन साल की सेवा पूरी कर सिविल पुलिस में वापस भेज दिए गए, लेकिन उनकी जगह अब तक नई तैनाती नहीं की गई।

भीड़ से कैसे निपटे रेलवे?

बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए रेलवे को तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे।प्रयागराज के लिए और अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाए।बरेली जंक्शन पर अतिरिक्त हेल्प डेस्क और अनाउंसमेंट सिस्टम को मजबूत किया जाए।जनरल कोचों की संख्या बढ़ाई जाए और यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाए।सुरक्षा बलों की कमी को तुरंत पूरा किया जाए।

यात्रियों के धैर्य की परीक्षा, रेलवे को करनी होगी ठोस योजना

बरेली जंक्शन पर इस समय यात्रियों का सैलाब उमड़ा हुआ है। रेलवे के सीमित संसाधन और भीड़ को संभालने में नाकाफी व्यवस्थाएं यात्रियों को भारी परेशानी में डाल रही हैं।

अगर रेलवे ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो यह अव्यवस्था किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को आने वाले दिनों में और अधिक ट्रेनों और सुरक्षा इंतजामों की जरूरत होगी।

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