Site icon एक्सप्रेस व्यूज

पुलिस का कारनामा: पहले तो लूट की घटना को डकार गई, जब एसपी ने लिया संज्ञान तो एसओजी ने लूटेरो को दबोचा

रिपोर्ट:विमलेश कुमार

सवाल:जब पहले पकड़ लिए लूटेरे तो फिर क्यो अज्ञात मे दर्ज की रिपोर्ट 

बरखेड़ा। थाना क्षेत्र के गांव अमखिडिया निवासी अजय प्रताप सिंह पुत्र लोक राज सिंह ने थाना पुलिस को 27 जनवरी की देर शाम को थाना पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि वह अपने खेत की रखवाली करने के लिए शाम को गया था। जब खेत से वापस आ रहा था। तभी हाइवे की पुलिया के पास तीन अज्ञात नकाबपोश बदमाश बाइक से आये और मारपीट करके पीड़ित का  मोबाइल छीनकर ले गए और वही पीड़ित ने 27 जनवरी की शाम को ही थाना बरखेड़ा पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाही की मांग की थी। लेकिन थाना पुलिस ने लूट के मामले की रिपोर्ट ही दर्ज नही की और मामले को ठंडे बस्ते मे डाल दिया था। जब इस मामले का संज्ञान पीलीभीत एसपी अविनाश पाण्डेय ने लिया और एसओजी टीम को खुलासा करने मे लगा दिया वही एसओजी टीम ने शुक्रवार को धडपकड की और कस्बा के अरविंद पुत्र नरायनलाल व राजकुमार पुत्र संतोष जोशी को हिरासत मे लिया। जब एसओजी टीम ने दोनो युवको से पूछताछ की तब उन्होंने अपना एक और साथी दीपाशु उर्फ अन्नू बताया जब एसओजी टीम ने उस युवक के घर पर छापा मारा वह युवक फरार था। वही एसओजी टीम ने शुक्रवार को दिन मे ही दोनो युवको पकडर थाना पुलिस के हवाला कर दिया। इसके बावजूद भी थाना पुलिस ने देर शाम को तीन अज्ञात लोगो के खिलाफ 7 मार्च को मुकदमा दर्ज करके और 8 मार्च 2025 को मनगढंत कहानी बनाकर बरखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव भोपतपुर मंदिर से लखनऊ कला जाने वाले रास्ते पर दोनो आरोपियो की गिरफ्तार बताया है।थाना पुलिस ने एक अदद 312 बोर का तमंचा व एक जिन्दा कारतूस व एक मोटरसाइकिल व लूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद दिखाया है। जबकि थाना पुलिस लूट की घटना दस दिन से दबाकर बैठी थी।बरखेड़ा पुलिस ने लूट के मामले की रिपोर्ट दर्ज करना भी मुनासिब नही समझा जब पीलीभीत एसपी ने मामले का संज्ञान लिया उसके बाद एसओजी टीम ने लूटेरो को सर्विलांस के जरिए दबोच लिया। उसके बाद थाना पुलिस ने लूट की घटना का खुलासा करने का दावा किया और अपनी पीठ थपथपा ली और दोनो आरोपियो को जेल भेज दिया। जबकि दस दिन से थाना पुलिस लूट जैसे गम्भीर मामले को हजम करके बैठी थी।

 

Exit mobile version