पीलीभीत। जिले में काफी समय से बिना पंजीकरण कई कोचिंग सेंटर संचालित हैं। छोटे-छोटे कमरों में चलने वाली इन कोचिंग में सुरक्षा संबंधी कोई इंतजाम नहीं हैं। पार्किंग की व्यवस्था न होने से विद्यार्थी अपने वाहन सड़कों पर ही खड़े करते हैं। विभागीय अफसरों की अनदेखी के कारण अवैध कोचिंग सेंटरों का धंधा खूब बढ़ रहा है।
कोचिंग संचालन के लिए शासन ने मानक तय किए हुए हैं। इसमें उनका पंजीकरण होना भी जरूरी है। इसके अलावा अग्निशमन विभाग से एनओसी, कोचिंग सेंटर पर अग्निशमन यंत्र, कुशल शिक्षक, बैठने की उचित व्यवस्था, शौचालय, पीने का पानी, बिजली, पंखा, लाइट, पार्किंग स्थल होना मानकों में शामिल है।
जिले में संचालित कोचिंग सेंटर की जांच के लिए न तो अग्निशमन विभाग के पास फुर्सत है और न ही डीआईओएस के पास। लिहाजा गली-मोहल्लों में कोचिंग चल रही हैं। कुछेक कोचिंग संस्थानों ने एक बार रजिस्ट्रेशन तो करा लिया, लेकिन दोबारा नवीनीकरण तक नहीं कराया।
विद्यालय के अध्यापक भी चला रहे कोचिंग व्यवसाय
वहीं कुछ विद्यालयों के अध्यापक भी कोचिंग के व्यवसाय से मलाई बना रहे हैं। जबकि नियमानुसार किसी भी सरकारी / गैर सरकारी विद्यालय के अध्यापक द्वारा किसी भी तरह का कोई कोचिंग संचालन हेतु मनाही होती है।
आपको बता दें कि सेंट अलॉयसिस कॉलेज के अध्यापक संतोष कुमार द्वारा बरेली गेट के निकट बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग व्यवसाय का संचालन किया जा रहा है जिसकी जानकारी स्कूल प्रबन्धन से लेकर dios तक सभी को है किंतु भृष्ट शिक्षा विभाग द्वारा पैसे ले देकर कोंचिंग संचालकों पर कभी कोई कार्यवाई नही की गई है।