बरेली। भाजपा सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सरकार से 11 साल का हिसाब मांग रहे हैं, जबकि उन्हें नैतिक रूप से इसका अधिकार ही नहीं है।
धर्मपाल सिंह ने कहा, जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत बेहद खराब थी। गुंडों का राज था, थानों में अपराधी दरोगा की कुर्सी खींचकर बैठते थे। लेकिन जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं,5 तब से अपराध और अपराधियों का सफाया हो गया है। मोदी ने कहा था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे, और वह वादा पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में कानून का राज है। महिलाएं सुरक्षित हैं, बेटियां रात को भी बेखौफ घर लौट सकती हैं। उन्होंने इसे रामराज्य की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश बताया।
टीजीटी-पीजीटी परीक्षा पर अखिलेश यादव की टिप्पणी पर जवाब देते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा, जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब सेवा आयोग में सिर्फ अपनी बिरादरी के लोगों को नियुक्त करते थे। चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। लेकिन अब हर परीक्षा ईमानदारी और पारदर्शिता से कराई जा रही है। अगर कहीं गड़बड़ी होती है, तो उसकी जांच होती है।
उन्होंने बताया कि 15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लखनऊ में सिपाही भर्ती में चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे, जो सरकार की पारदर्शी भर्तियों का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गांव में कस्टमर सर्विस सेंटर न खुलने के आरोप पर धर्मपाल सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, अखिलेश यादव विकास नहीं, बल्कि विनाश के लिए जाने जाते हैं। जबकि योगी और मोदी विकास के लिए जाने जाते है।