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बरेली में सौहार्द की मिसाल: जहां दो साल पहले विवाद था, वहीं इस बार भाईचारे की बरसात

नन्दकिशोर शर्मा@express views
बरेली: कभी टकराव का कारण बना बरेली का जोगी नवादा इलाका इस बार सौहार्द और भाईचारे की मिसाल बन गया। दो साल बाद जब रविवार को मौर्य वाली गली से कावड़ यात्रा निकली, तो नूरी मस्जिद के सामने मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूल बरसाकर कावड़ियों का स्वागत किया।

जहां विवाद था, वहीं अब मोहब्बत की मिसाल
सड़क पर बिछे फूल, कंधे से कंधा मिलाकर चलते लोग, एक-दूसरे को मिठाई खिलाते और गले मिलते मुस्लिम व हिंदू – ये दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।वही स्थान, जहां दो वर्ष पहले तनाव फैला था, इस बार मोहब्बत, शांति और एकता का प्रतीक बन गया।

प्रशासन रहा सतर्क, पर जनता ने जीता दिल


कावड़ यात्रा को लेकर पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा। एडीजी, एसएसपी, एसपी सिटी मानुष पारीक और सीओ पंकज श्रीवास्तव पूरे समय मौके पर मौजूद रहे। एक कंपनी आरएएफ, एक कंपनी पीएसी और ड्रोन कैमरों से इलाके की निगरानी की गई। मगर स्थिति की सुंदरता यह रही कि किसी सख्ती की ज़रूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि जनता ने ही सौहार्द की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी।

18 बैठकों से निकली शांति की राह
एसपी सिटी और सीओ द्वारा दोनों समुदायों के साथ की गई 18 बैठकों का असर रंग लाया। आपसी संवाद और समझ ने वो पुल बनाया, जिससे टकराव की दीवारें गिर गईं।

मुस्लिम समुदाय ने खुद बढ़कर किया स्वागत


नूरी मस्जिद के पास मुस्लिम समाज के लोगों ने कावड़ियों को फूलमालाएं पहनाईं, मिठाइयां भेंट कीं और पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। स्थानीय नागरिकों का कहना है,आज हमने अपने हिंदू भाइयों की यात्रा पर फूल बरसाकर विदा किया है, अब हमारे बीच कोई दूरी नहीं।

देश को दिया बरेली ने भाईचारे का संदेश
बरेली की सरज़मीं पर आज जो दृश्य उभरा, वह न सिर्फ शहर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। जब लोग चाहें, तो संवाद, समझ और संवेदनशीलता से कोई भी मतभेद मिटाया जा सकता है।

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