पीलीभीत। शताब्दी संकल्प @2047 के तहत “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान का शुभारम्भ बुधवार को दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। बरेली मण्डल की मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के प्रो. एम.के. सिंह, सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के डॉ. एस.एस. ढाका, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सहित जिले के अधिकारी, शिक्षाविद, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन और प्रबुद्धजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान जिले की प्राथमिकताओं और संभावनाओं को प्रदेश की नीतियों में स्थान दिलाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव भेजकर इस महत्वाकांक्षी पहल में सक्रिय भागीदारी करें।
जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ उद्योग और व्यापार की ओर भी प्रेरित करना होगा। उन्होंने पर्यटन, वन, स्वयं सहायता समूह और मेडिकल टूरिज्म को जोड़कर पीलीभीत की अर्थव्यवस्था को गति देने पर जोर दिया।
राज्य अतिथि प्रो. एम.के. सिंह ने कहा कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में तीव्र प्रगति की है। उन्होंने अभियान को “जन अभियान” बनाने की आवश्यकता बताई।
डॉ. एस.एस. ढाका ने कहा कि 2047 तक भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनना होगा। इसके लिए हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।
विभिन्न विभागों ने अपनी योजनाओं और रणनीतियों की जानकारी दी।
कृषि विभाग: बासमती चावल, लीची, सेब और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा।
पशुपालन विभाग: नस्ल सुधार और सेक्स-सॉर्टेड सीमन से 95% मादा बछिया पैदा करने की योजना।
स्वयं सहायता समूह: हैंडीक्राफ्ट, खाद्य उत्पाद, पशुपालन, जरदोजी, इलेक्ट्रिकल उत्पाद, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन आदि कार्यों से जुड़ी गतिविधियों पर चर्चा।
मोती की खेती: कंपनियों ने दावा किया कि इससे किसानों की आय चार गुना तक बढ़ सकती है।
वरिष्ठ पत्रकार केशव अग्रवाल ने वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए सुगंध व औषधीय खेती को बढ़ावा देने और नेपाल तक सीधे निर्यात का सुझाव दिया। टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए शारदा नहर में क्रूज सेवा, वॉटर फ्लाई पार्क और बेहतर मोबाइल नेटवर्क की जरूरत बताई गई।
अभियान की अवधि 5 अक्टूबर 2025 तक तय की गई है। इस दौरान ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर गोष्ठियां होंगी, जिनमें नागरिक खुलकर अपने विचार रख सकेंगे। साथ ही ऑनलाइन पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in
पर भी सुझाव भेजे जा सकते हैं।
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