तुषार सक्सेना @express views
पीलीभीत। जिले में संचालित पैथोलॉजी लैब से लगातार मिल रही गलत जांच रिपोर्टो से सभी पैथोलॉजी लैब्स पर एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया। हाल ही में एक युवक द्वारा एक ही समय पर अलग अलग पैथोलॉजी लैब्स से यूरिक एसिड एव अन्य जांच कराइ गई जिसमे नगर की एक प्रतिष्ठित लैब की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है जब एक मामूली जाँच को ही ये लैब्स सही ढंग से प्रस्तुत नहीं कर पा रहीं हैं तो किसी बड़ी जाँच की रिपोर्ट सही होगी ये कैसे मान लिया जाये।
आपको बता दे ओजस्वी पैथोलॉजी लैव में यूरिक ऐसिड जैसी मामूली जांच गलत पायी गयी । पीलीभीत के मोहल्ला कुंवर गड निवासी मोहित कुमार ने 22 मार्च को अपनी यूरिक ऐसिड व् अन्य जांच ओजस्वी पैथोलॉजी लैव में कराई जिसके बाद उनको नार्मल से भी कम की रिपोट पकड़ा दी गई। जबकि पीड़ित द्वारा उसी समय करवाई गयी अन्य लैब्स की जाच बॉर्डर लाइन शो कर रहीं थीं । शंका होने पर पीड़ित ने नगर में अगले ही दिन फिर से एक और जाच प्राइवेट लैब पर करवाई । और अन्य लैब्स की रिपोर्ट की ही तरह ये भी बॉर्डर लाइन पर पायी गयी ।
जिसके बाद ओजस्वी पैथोलॉजी लैब पर जब मोहित कुमार इस बारे में बात करने डॉ साहब के पास पहुंचे तब उन्होंने इसको कम्प्यूटर एरर बताते हुए पल्ला झड़ने की कोशिश की। लेकिन जब मोहित कुमार ने उनको बताया की आपके टेक्नीशियन के असिस्टेंट ने हमको उसके द्वारा बनायीं गयी रिपोर्ट दिखा दी है और उसकी पिक्चर भी हमारे पास है तब उन्होंने ओरिजनल रिपोर्ट मांगते हुए जबरन अपने पास उसे रख लिया और कहा 100 में से 5रिपोर्ट गलत होना हमारी मेडिकल लाइन में स्वीकार्य है। और हम फिर से चाहे तो आपकी जांच कर देते हैं । लेकिन मोहित कुमार ने उस लैब से दोबारा कोई जांच नहीं करवाई ।
अब सवाल ये है की मोहित कुमार को जानकारी थी उन्होंने तीन लैब्स में जांच इसलिए करवाई ताकि कोई भी शक की गुंजाईश न रहे किन्तु यही यदि कोई गंभीर बीमारी होती और मरीज जागरूक नहीं होता तो ?
आपको बता दें इससे पहले मोहल्ला पकरिया निवासी उदय पुत्र विनय कुमार द्वारा दो अन्य लैब में डेंगू की जांच करवाई गयी थी किन्तु एक लैब की रिपोर्ट में व्यक्ति की प्लेटलेट्स 70000 व् टीएलसी 3600 पायी गयी और रिपोर्ट्स में डेंगू होना दर्शाया गया फ़ौरन ही फिर दूसरी लैब में जांच करवाई गयी तो प्लेटलेट्स 248000 और टीएलसी काउंट 10200 पायी गयी । संदेह होने पर फिर से मरीज द्वारा पहले वाली निजी लैब में उसी दिन २ घंटे बाद जांच करवाई गयी तो टीएलसी 13800 और प्लेटलेट्स 199000 प्राप्त हुए । दोबारा करवाई गयी इसी जांच में डेंगू नहीं होना रिपोर्ट्स में दर्शाया गया ।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने भी ओजस्वी पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट को गलत माना । जब जिले में संचालित पैथोलॉजी लैब्स की गुणवत्ता को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की तो उन्होंने भी ओजस्वी पैथोलॉजी लैब्स की रिपोर्ट को गलत माना ।
निजी पैथोलोजी लैब और अस्पतालों की निगरानी , जांच और कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग करता है, अब देखना ये है की स्वास्थ्य विभाग नगर में कुकुरमुत्तों की तरह संचालित लैब्स की गुणवत्ता की जांच हेतु क्या ठोस कदम उठता है ।