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स्कूल संचालकों की मनमानी जारी, छात्र अधिकारों पर मौन हुए अधिकारी

मीनू बरकाती @ Express Views Desk पूरनपुर-पीलीभीत। स्कूलों का सत्र कई टेंशन लेकर आया है कई स्कूलों ने फीस में बढ़ोत्तरी कर दी है तो कई ने वर्क बुक में बद्लाव किया है आज शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल दुकानों का रूप लेते नजर आ रहे हैं, स्कूलों की मोटी फीस अभिभावकां के लिये मुसीबत बन रही है। ज्ञात हो , नर्सरी में प्राइमरी से ज्यादा फीस वसूली जा रही है, स्कूल डोनेशन के नाम पर बैग, जूते, कपड़ों के मनमाने दाम लगा कर स्कूलों में अभिभावकों से वसूल रहे है। अधिकतर स्कूल किताबों के लिये दुकानें तय करते है और किताबें उसी बुक सेलर से लेने के लिये कहते है। बुक स्टोर से स्कूल का कमीशन तय होता है। किताबों पर वसूल किये गए कमीशन को बुक स्टोर वाले संबंधित स्कूल को देते है। खास बात यह है कि विद्यालय से संबंधित पुस्तकें दूसरे बुक स्टोर पर नहीं मिलती। उस कमीशन का बोझ भी अभिभावकां पर डाला जाता है। अभिभावकों से मई-जून की फीस भी बिना खौफ वसूल की जा रही है। फीस जमा कराने को स्कूली बच्चों को रोजाना प्रताड़ित किया जाना आम बात है. अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर डरते है इसलिए अवैध वसूली कर रहे स्कूलों की शिकायतें नहीं की जाती है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ धन बटोरने में लगे हुए हैं।

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