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श्री स्वास्तिक हॉस्पिटल भी है अबैध रूप से संचालित ?

मोहित जौहरी @
पीलीभीत। जिले में आईएमए के संरक्षण में चल रहे दर्जनों अबैध क्लीनिक और अस्पताल संचालित हो रहे हैं। जिला प्रशासन का भी मानना है कि इन अस्पतालों , नर्सिंग होम में अप्रशिक्षित स्टाफ और अनुभवहीन महंगे डॉक्टरों से मरीज को मंशा के अनुरूप वह सुविधा नहीं मिलती , जिसके लिए वह अपने खून पसीने की कमाई से डॉक्टर की फीस का भुगतान करता है। ज्ञात हो जिले में नर्सिंग होम एक्ट लागू है , उसके बाद भी शहर में बिना पंजीकरण के कई अबैध हॉस्पिटल व दर्जनों क्लीनिक संचालित हैं। इसी क्रम में श्री स्वास्तिक हॉस्पिटल का भी एक मामला सामने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्त माह में डिप्टी कलैक्टर रामदास ने छापामार कार्यवाही की थी। डिप्टी कलेक्टर रामदास की रिपोर्ट के अनुसार श्री स्वास्तिक हॉस्पिटल में डॉ. मुकेश मिश्रा, डॉ. आशीष अनुरागी डॉ. दीपक सिंह गंगवार, डॉ. नितिन मलिक चिकित्सीय कार्य करते मिले। अबैध हॉस्पिटल में चिकित्सा संबंधी सभी कार्य सुचारु रूप से चल रहे थे। हॉस्पिटल में नौ मरीज भर्ती पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक श्री स्वास्ति हॉस्पिटल बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहा है। बीते वर्ष पूर्व 1 जुलाई तक भाजपा के पूर्व विधायक बीके गुप्ता का निधन हो गया था वह इस हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक थे।ज्ञात हो श्री स्वास्ति हॉस्पिटल की स्थापना डॉ. गुलशन चौहान ने की थी। डॉ. चौहान ने विदेश जाने के दौरान हॉस्पिटल भाजपा के पूर्व विधायक बीके गुप्ता को बेच दिया था।

पूर्व विधायक बीके गुप्ता के निधन के बाद उनके बेटे भाजपा नेता अंकुर गुप्ता ने हॉस्पिटल्स की जिम्मेदारी तो संभाल ली लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन पत्रावली में हॉस्पिटल की भूमि हस्तांतरण व अन्य प्राधिकार हस्तांतरण के कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीमा अग्रवाल ने 16 अगस्त को श्री स्वास्ति हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक अंकुर गुप्ता को नोटिस भेजा। नोटिस में चिकित्सा कार्य , चिकित्सा व्यवसाय व अन्य चिकित्सा गतिविधियों को बंद करने की हिदायत दी गई , साथ ही उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।
नोटिस प्राप्ति के बाद भी श्री स्वास्ति हॉस्पिटल के प्रबंधन ने अपनी चिकित्सीय गतिविधियों को बंद नहीं किया। जिलाधिकारी के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर रामदास ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को सौप दी है। फिलहाल आईएमए के संरक्षण में चल रहे फर्जी हॉस्पिटल , क्लीनिक और फर्जी डॉक्टरों की इस गन्दगी पर जिला प्रशासन की झाड़ू चलना शुरू हो गई है।

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