
मोहित जौहरी @expressviews desk
पीलीभीत। मेडिकल स्टोर की आड़ में अपने आप को डॉक्टर बताकर जिले में कई फर्जी क्लीनिक संचालित हैं। इन मेडिकल स्टोर पर मरीजों का इलाज किया जाता है। ऐसा ही एक मामला पीलीभीत जिले से सामने आया है जहा नगर के ग्राम बरहा में झोला छाप डॉक्टर मेडिकल स्टोर की आड़ में लगातार मरीजों की ज़िन्दगी से खिलबाड़ कर रहा है । वहीँ एक शिकायतकर्ता ने जब इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की तब उसको ही झोलाछाप डॉक्टर ने झूठे मुक़दमे में फंसवाने की धमकी दे डाली ।
क्या है पूरा मामला
पीलीभीत शहर के थाना सुनगढ़ी क्षेत्र के ग्राम बरहा में शिव मेडिकल स्टोर के नाम से एक मेडिकल स्टोर संचालक दामोदर दास द्वारा मेडिकल स्टोर के साथ-साथ मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ इंजेक्शन तथा ग्लूकोज की बोतलें भी चढाई जातीं है ये सब बिना किसी डिग्री एवं अनुभव के मेडिकल स्टोर स्वामी द्वारा किया जाता है।
नगर के ही ,शिकायतकर्ता शशांक मिश्रा ने मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर 10 अगस्त को व 24 अगस्त को मुख्य चिकित्साधिकारी को शिव मेडिकल स्टोर के संचालक दामोदर दास द्वारा मेडिकल की आड़ में मरीजों को भर्ती कर उनकी जान से खिलबाड़ करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत की, और उससे सम्बंधित सभी अभिलेख सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिए। शिकायतकर्ता ने इस मामले में झोलाछाप डॉक्टर का मेडिकल स्टोर लाइसेंस निरस्त करने की भी मांग की है । जिस पर बौखलाए आरोपी झोलाछाप डॉक्टर और मेडिकल व्यवसायी ने उल्टा शिकायतकर्ता को ही फ़र्ज़ी मुकदमे में फसाने की धमकी दे डाली। मेडिकल स्टोर स्वामी पर ये भी आरोप है कि वह गर्भवती महिलाओं व् बच्चों को अपने यहाँ भर्ती कर ग्लूकोज की बोतलें भी चढ़ाकर उनकी जान से खिलबाड़ कर्ता है।शिकायतकर्ता ने अपने शिकायती पत्र में शिकायत करते हुए ये भी बताया कि मेडिकल स्टोर स्वामी दामोदर दास अपने आप को एमबीबीएस डॉक्टर बता कर लोगो को भ्रमित करने का कार्य करता है।
कथित डॉ ने खुद को बताया चूरन चटनी बेचने वाला
इस मामले में जब एक्सप्रेस व्यूज ने झोलाछाप डॉ और मेडिकल स्वामी से उसका पक्ष भी जानना चाहा तो उसने अपने आपको चूरन चटनी बेचने वाला बताया। जब उससे उसकी डॉ की डिग्री के बारे में जानना चाहा तो उसने बताया गाँव में लोग सभी दवाई बेचने वाले को डॉ ही बोलते हैं इसमें मैं क्या कर सकता हूँ लकिन जब मेडिकल व्यवसायी से पूछा गया कि आपने अपने बोर्ड और बालपेन्टिंग पर डॉ दामोदर क्यों लिखवाया तो कोई जबाब नहीं दिया और फ़ोन काट दिया । इस बारे में c.m.o. से उनका वर्जन जानने के लिए जब फ़ोन किया गया तब उनका फ़ोन नहीं उठा ।
आपको बता दें कि ये झोलाछाप न सिर्फ मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हैं बल्कि ये मरीजों से मोटी फीस भी बसूलते है। यह लोग न तो कोई पर्ची पर दवाई लिखते है और न ही इलाज के लिए कोई प्रमाण छोड़ते है। ऐसे में अगर मरीज की सेहत पर कोई असर पड़ता है तो अपने हाथ खींच लेते है। बिना सबूत के इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है। आखिर प्रशासन इन झोलाछाप (कथित डॉ ) पर कब कार्यवाही करेगा ।
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