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स्कूली शिक्षकों द्वारा संचालित हो रहे अबैध कोचिंग सेंटर, शैक्षिक गुणवत्ता पर एक बड़ा सवाल ?

*एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य बच्चों को कोचिंग पढ़ने का बनाते हैं दबाव.
*स्कूल प्रबंधन की सांठगांठ से बच्चों को कोचिंग पढ़ने के लिए किया जाता है बाध्य.

@desk: जिले के विभिन्न इलाकों में जहां अबैध रूप से दर्जनों गैर पंजीकृत कोचिंग सेंटर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। वहीँ विभिन्न स्कूलों के अध्यापकों द्वारा अबैध रूप से संचालित कोचिंग सेंटरों पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम दिख रहा है। सरकारी व् गैर सरकारी अध्यापकों द्वारा संचालित और बिना पंजीकरण के संचालित अबैध कोचिंग सेंटर पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से टीमें बनाई गई है। लेकिन टीमें जांच के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेती है। जिला विद्यालय निरीक्षक की उदासीनता के कारण अबैध कोचिंग सेंटरों का धंधा फल – फूल रहा है ।

स्कूल के प्रधानाचार्य बच्चों को कोचिंग पढ़ने का बनाते हैं दबाव
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीलीभीत नगर के एक प्रतिष्ठित सरकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य अपने यहाँ कोचिंग पढ़ने के लिए दवाव बनाते हैं और यदि कोई बच्चा उनसे कोचिंग नहीं पढता है तो उसको फेल करने और उसका भविष्य खराब करने की धमकी देते है । ये महाशय विद्यार्थियों से पूरे वर्ष का शुल्क लगभग 2400 रूपए से 3000 रूपए तक भी एक बार में ही बसूलते हैं फिर चाहे बच्चा उनसे पढ़े या न पढ़े । सूत्रों की माने तो संबंधित विभाग के अधिकारियों और स्कूलों के प्रधानाचार्य/प्रबंधकों सहित अबैध कोचिंग संचालकों का गठजोड़ इस धंधे को अंजाम दे रहा है । इन्ही कारणों से स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता दयनीय हो रही है। और स्कूलों को अदा की जा रही फीस के अनुरूप बच्चों को ज्ञान नही मिल रहा है।
हालात तो यहां तक हैं कि कई प्राइवेट स्कूल अपने यहां बच्चों को कोचिंग पढ़ने के लिए बाध्य करते हुए विद्यालों को ही कोचिंग का अड्डा बनाये हुए है ।


स्कूल प्रबंधन की सांठगांठ से बच्चों को कोचिंग पढ़ने के लिए किया जाता है बाध्य
प्राप्त जानकारी के अनुसार , कई स्कूलों के प्रधानाचार्य/ प्रबंधकों की सांठगांठ से स्कूली टीचर बच्चों को कोचिंग पढ़ने के लिए भी बाध्य करते हैं । जबकि स्कूलों में कार्यरत टीचरों को कोचिंग पढ़ाने की नही होती है अनुमति ।
आपको बता दें, जिले में संचालित बिना मान्यता के दर्जनों कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। इन सेंटरों में तैनात अधिकत्तर शिक्षक गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं दे पा रहे है। अवैध ढंग से संचालित हो रहे सेंटरों को बंद कराकर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से टीमेें गठित की जाती है। लेकिन अभी तक टीमों ने बगैर मान्यता एवं मानकों को अनदेखी कर संचालित होने वाले किसी कोचिंग सेंटर के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की है। इससे साफ जाहिर होता है कि टीमें जांच के नाम पर केवल रस्मअदायगी कर रही है।

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