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पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा ने फीस माफी के लिये सीएम को लिखा पत्र

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पीलीभीत।वर्तमान में लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार बन्द हैं मजदूर हो या व्यापारी सभी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे है ऐसे में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को बच्चों की फीस जमा करने के लिये लगातार बाध्य कर उनका आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है, लॉक डाउन में जहां लोगों को रोजगार बन्द होने के कारण अपनी बिजली पानी भोजन जैसी जरूरतों का इंतजाम करना मुश्किल है , वही ऐसे समय में प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को फीस जमा करने का दबाव बना रहे है ।

इसी समस्या को उठाते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा ने पीएम और सीएम को पत्र लिख कर फीस माफ् किये जाने की मांग की है । पूर्व राज्यमंत्री ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि 24 मार्च 2020 से निजी व सरकारी स्कूलों के साथ साथ सभी तरह के आर्थिक स्त्रोत भी बंद हैं जिसके कारण मजदूर हो या कोई किसान ,व्यापारी या प्राइवेट कर्मचारी सभी के आर्थिक स्त्रोत बन्द हैं ,व्यक्ति मकान का किराया , बिजली बिल, भोजन आदि की व्यवस्था ठीक से नही कर पा रहा है ऐसे में निजी स्कूलों के द्वारा लगातार अभिभावकों को फ़ोन पर मैसेज करके फीस जमा करने का दवाब बनाया जा रहा है। जबकि विद्यालयों द्वारा दी जा रही ऑन लाइन ट्यूशन के अलावा अन्य सुविधाओं का उपयोग विद्यार्थियों द्वारा नहीं किया गया है अतः ऑनलाइन ट्यूशन फीस के अतिरक्त मेंटिनेंस फीस, जेनरेटर फीस, व अन्य फीस को समाप्त किया जाए।

आपको बता दे ,कोविड 19 के चलते पूरा देश इस समय एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है वहीं प्राइवेट स्कूलों के संचालक अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने से बाज़ नही आ रहे है। चूंकि इस समय कोविड 19 बीमारी के कारण विद्यालय बन्द चल रहे है, तो विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा 2 से 3 घण्टे के लिये ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। और उसके बदले में विद्यालयों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा ,मेंटिनेंस फीस, जेनरेटर फीस, ट्रांसपोर्ट फीस भी जमकर बसूली जा रही है। जबकि स्कूल बंद हैं तो ट्रांसपोर्ट और जेनरेटर फीस का कोई औचित्य नही बनता।

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