@digital desk: कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में राजकीय बालगृह में 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित मिली हैं। इनमें 17 साल की दो किशोरियां गर्भवती भी हैं।एक गर्भवती किशोरी कोरोना पॉजिटिव होने के साथ ही एचआईवी पॉजिटिव भीहै और दूसरी हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है। इस मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बालिका संरक्षण गृह के मुद्दे पर राज्य सरकार से कई सवाल किए है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा है कि दोनों किशोरियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रग्नेंट थीं। जिनकी वजह से वह गर्भवती हुई हैं, उनके खिलाफ मुकदमेदर्ज हैं। एक लड़की कन्नौज और दूसरी आगरा की है।
बता दें कि रविवार को यूपी के कानपुर जिले में राज्य सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह में 57 लड़कियां कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई हैं. इस खबर के बाद से प्रशासन में हड़कंप मच गया. सभी लड़कियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली 57 कोविड-19 संक्रमित पाई गई लड़कियों में से सात लड़कियां गर्भवती भी पाई गई हैं. जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए रविवार को बताया कि गर्भवती पाई गईं पांच लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित भी पाई गई हैं. इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया था.
उन्होंने बताया कि गर्भवती दो अन्य लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाई गई हैं. ये सभी लड़कियां जब कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में लाई गई थीं उस समय भी गर्भवती थीं. तिवारी ने बताया कि संक्रमित पाई गई दो लड़कियों का इलाज लाला लाजपत राय अस्पताल में किया जा रहा है, जबकि बाकी तीन का उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है.वहीं अब इस पूरे मामले ने राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बालिका संरक्षण गृह के मुद्दे पर राज्य सरकार से कई सवाल किए. उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि शेल्टर होम में कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला.
इससे पहले मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब इस मामले के बारें में संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से बात की है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमाल माथुल ने भी इस पर डीएम से बात करके पूरी जानकारी ली है. बताया जा रहा है कि इन लड़कियों में एक एचआईवी और एक लड़की हेपेटाइटिस बी से ग्रसित है.