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पीलीभीत।कोरोना को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाईन को न तो जिला मुख्यालय में पालन कराया जा रहा है और ना ही प्रखंड तथा नगर निकाय में। नतीजा यह है कि लगातार कोरोना का विस्फोट हो रहा है। वहीं कलेक्ट्रेट सहित विकास भवन में सात कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के बाद विकास भवन और कलेक्ट्रेट परिसर को भी अब पूरी तरह सील कर दिया गया है।
लोगों की लापरवाही से जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। सख्ती से नियम पालन नहीं कराये जाने के कारण बगैर मास्क पहने लोग भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं।
कहीं कहीं न तो दुकानदार मास्क लगा रहे हैं और ना ही ग्राहक। अस्पताल रोड़, स्टेशन रोड तथा सब्जी मंडी सहित कई इलाकों में काफी भीड़-भाड़ देखी जा रही है, जहां लोग शारीरिक दूरी का पालन भी नही कर रहे हैं। लाॅक डाउन नियम पालन कराने में प्रशासन के अधिकारी भी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। प्रशासन द्वारा भीड़ को अलग करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन द्वारा भी सिर्फ बगैर मास्क पहने लोगों से जुर्माना वसूल कर अपने कार्यो से इतिश्री कर लिया जाता हैं।
भय सिर्फ लोगों के जेहन में है,लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा हे। हालांकि कोरोना के प्रति सजग और जागरूक रहने वाले लोग मास्क पहनकर घर से निकल रहे हैं और इन्हीं लोगों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि जिले में वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव केस 314 हो गए हैं। इनमें एक्टिव केस 150 हैं। मंगलवार को रिकार्ड तोड़ 63 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई। संक्रमितों की संख्या में 17 जुलाई से अचानक वृद्धि होने से जिला प्रशासन के भी हाँथ पाँव फूल गए हैं। 17 जुलाई को विकास भवन स्थित सीडीओ कार्यालय के कर्मचारी राहुल , रितेश हरदेवी , कृष्ण कुमार के संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो 20 जुलाई को दिनेश , हनुमान और राजेश बाबू के संक्रमित होने की खबर ने विकास भवन को सील करा दिया। इतना ही नही कलेक्ट्रेट परिसर भी कोरोना संक्रमण से अछूता नही रहा। बता दे, वर्तमान में पुलिस , स्वास्थ्य विभाग, विकास विभाग जनप्रतिनिधि एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी कोरोना ने अपनी जकड़ में ले लिया है।वहीं अब कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के संक्रमित होने के कारण डीएम वैभव श्रीवास्तव को भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।