विनय सक्सेना,मोहित जौहरी@expressviews desk
पीलीभीत। राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जों को लेकर लम्बे समय से मीडिया में खबरों का प्रकाशन और प्रसारण हो रहा है । बाबजूद इसके जिला प्रशासन कानो में रुई डालकर बैठा हुआ है।
प्राप्तजानकारी के अनुसार ग्राम बराह में राजस्व लेखपाल ओमप्रकाश द्वारा ग्राम समाज की जमीनो पर बड़ा खेल कर दिया गया है। ग्राम समाज की जमीन के एक हिस्से पर रमेश नाम के एक व्यक्ति को रुपये ले देकर काबिज़ करवा दिया गया। जहां उसने रजिस्ट्रीशुदा जमीन से कहीं अधिक पर कब्जा कर मकान बनवा लिया है। जब ग्राम बरहा निवासी रमेश नाम के इस व्यक्ति से इस सम्बन्ध में जानकारी चाही।तो उसने भी स्वीकार किया कि रजिस्ट्री कम जगह की है। शेष ग्राम समाज की जमीन है।और हमारी बात ओमप्रकाश , लेखपाल सदर से हो चुकी है।जिसका पैसा भी उनको दे चुका हूं।जब पैसे की रसीद दिखाने को कहा तब उसने मगर नहीं दिखाई।
इसी प्रकार ग्राम बराह में अन्य ग्राम समाज की जमीनो का बन्दर बांट राजस्व कर्मियों द्वारा कर दिया गया है।अगर इस मामले की जांच ढंग से हो जाए तो करोड़ों का घपला राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से होना पाया जाएगा।
जब लेखपाल व प्रभारी कानूनगो सदर ओमप्रकाश श्रीवास्तव से इस बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने भी बताया कि पीलीभीत के ग्राम बराह की ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा कुछ लोगों ने कर रखा है इसकी रिपोर्ट बनाकर रखी है जल्द अधिकारियों को में दूंगा।
उक्त रमेश नाम के व्यक्ति के बारे में जानकारी चाही तो वो टाल गए।
ग्राम बराह में ही ग्राम समाज की जमीन पर एक अन्य अवैध कब्जेदार परमानंद पुत्र रोशन लाल ने भी कब्जा कर नींव भरवा रखी है। इस बारे में भी जब प्रभारी राजस्व निरीक्षक से उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात की, तो भी निरीक्षक महोदय बंगले झांकने लगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,गोलू नाम के एक अन्य भूमाफिया ने भी कई जमीनों को राजस्व विभाग की सांठगांठ से अवैध कब्जे कर मात्र 10 रुपये के स्टाम्प पर व धोखा धड़ी कर कई लोगों को ठगी शिकार बनाया है।
योगी सरकार में इस तरह भूमाफ़ियाओं और सरकारी तंत्र की मिलीभगत के इस खेल में कुछ भ्रष्ट राजस्व कर्मी जो अकूत संपत्ति के मालिक चंद दिनों में बन गये है इनकी भी जांच होना चाहिए। शासन प्रशासन को इस मामले को संज्ञान में लेंना चाहिए।