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आरबीओ एक्ट का उलंघन कर तलपट मानचित्र के विपरीत विकसित की जा रही कॉलोनी

मोहित कुमार जौहरी@express views

पीलीभीत। शहर के नकटादाना चौराहे के निकट पवन स्वीट के पीछे तलपट मानचित्र के विपरीत कॉलोनी विकसित हो रही है। विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता द्वारा इस कारनामे को बखूबी अंजाम दिलाया जा रहा है। डीएम पुलकित खरे ने नियत प्राधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया तो अवर अभियंता ने कार्यालय में बैठकर ही विकासकर्ताओं के पक्ष में आख्या तैयार कर दी। जमीनी कारोबारियों को मालामाल करने और उच्च अधिकारियों को कागजों में उलझाना तो कोई भ्रष्टाचार में लिप्त मातहतों से सीखे।
बता दें कि नकटादाना चौराहे के निकट देशनगर अंदर चुंगी स्थित गाटा संख्या 66 , 69 व 70 में इन दिनों कॉलोनी विकसित की जा रही है। कॉलोनी के विकासकर्ताओं में नाम मात्र अमरवीर सिंह , सत्येंद्र कौर हैं , जबकि उक्त जमीन पर आर्किटेक्ट महेंद्र पाल गंगवार व लालाराम कश्यप स्टाम्प चोरी को अंजाम देते हुए कॉलोनी विकसित कर रहे हैं। विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता बी.के सिंह ने बताया कि सत्येंद्र कौर आदि ने 3 अक्टूबर 2019 को तलपट मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए आवेदन किया था।मानचित्र स्वीकृत होने के बाद कॉलोनी विकसित की जा रही है। ज्ञात हो कि कॉलोनी के विकास कर्ताओं द्वारा स्वीकृत तलपट मानचित्र एवं आरबीओ एक्ट 1958 के विपरीत कार्य किया जा रहा है। जिसपर अवर अभियंता चुप्पी साध गए। जब अवर अभियंता से उक्त कॉलोनी के तलपट मानचित्र स्वीकृति संबंधी जानकारी की गई थी तो अवर अभियंता द्वारा मना कर दिया गया था , लेकिन जब डीएम पुलकित खरे ने जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया तो तलपट मानचित्र की स्वीकृति भी मिल गई और अवर अभियंता द्वारा मानकों के विपरीत कॉलोनी विकसित करके स्टाम्प चोरी को अंजाम देने बालों की पैरवी भी की जाने लगी। बता दें कि कॉलोनी का विकास किसके द्वारा कराया जा रहा है और किसके द्वारा स्टाम्प चोरी करके राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है ? तलपट मानचित्र किसके नाम से स्वीकृत है ? इसकी पुष्टि तो कॉलोनी को विकसित करने के उद्देश्य से कराए गए मिट्टी पटान पर किये गए व्यय से ही हो जाएगी। रही बात अवर अभियंता द्वारा तैयार की गई मिथ्यात्मक आख्या की तो आख्या कहाँ तक सही है , इसकी पुष्टि भी मॉर्निंग वॉक के दौरान कभी भी की जा सकती है। आरबीओ एक्ट 1958 में दी गई विधि व्यवस्था के अनुसार यदि किसी भी विकासकर्ता द्वारा आरबीओ एक्ट की निर्धारित नियम शर्तों व तलपट मानचित्र स्वीकृत कराते समय प्रस्तुत किये गए शपथ पत्र का उल्लंघन किया जाता है या फिर मानकों के विपरीत कॉलोनी विकसित की जाती है तो , उस स्वीकृत तलपट मानचित्र की वैद्यता स्वतः ही निरस्त हो जाती है , लेकिन पीलीभीत विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता कार्यालय में जो भी चढ़ावा चढ़ा जाए , उसके हर बिगड़े काम बन जाते हैं।

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