
मोहित ‘मासूम’@exress views
विद्युत विभाग की कारगुजारियों से आम उपभोक्ता तो अच्छी तरह वाकिफ है अब मंत्री महोदय भी वाकिफ हो रहे हैं । 2019 में स्मार्ट मीटर की जांच में फेल हो जाने के बाद भी उसकी रिपोर्ट विभाग के आला अधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को नहीं सौंपी और पूरा विभाग मामले को दबा गया। स्मार्ट मीटर को लेकर जनता में रोष बढ़ता जा रहा है बिजली के बढ़ते बिल को लेकर आम जनता काफी परेशान है। उनकी समस्याओं का निस्तारण करने की जगह अधिकारी भार जंपिंग की रिपोर्ट दबाकर मीटर कंपनियों का ही साथ दे रहे हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री अवधेश कुमार जी द्वारा मंत्री महोदय को इस संबंध में अवगत कराया गया। मामला संज्ञान में आने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उ.प्र. पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की गहन जांच कर 15 दिन के अंदर दोषी अधिकारियों और स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस कार्रवाई से उन्हें अवगत भी कराया जाए।
उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री के समक्ष एक साल पहले लखनऊ में स्मार्ट मीटर के कई गुना तेज गति से चलते पाए जाने के मामले का खुलासा किया है। इस खुलासे से संबंधित साक्ष्य भी उन्हें दिए हैं। स्मार्ट मीटर भार जंपिंग मामले में रिपोर्ट दबाए जाने की सूचना को ऊर्जा मंत्री ने गंभीरता से लिया है। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रत्यावेदन को देने के साथ ही ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया कि भार जंपिंग का खुलासा इसलिए नहीं हो सका क्योंकि विभागीय उच्चाधिकारी मीटर निर्माता कंपनी की वकालत करने में जुटे रहे। लिखा है कि 2019 में ही राजधानी लखनऊ में ही दो बार स्मार्ट मीटरों की जांच हुई और दोनों बार मीटरों को तेज गति से चलता हुआ पाया गया। उपभोक्ता का मीटर बदलकर अधिकारियों ने मामले को रफा दफा कर दिया था। एक साल बाद यह दबी रिपोर्ट उपभोक्ता परिषद के हाथ लग गई, जिसके बाद यह पूरा प्रकरण फिर से ऊर्जा मंत्री के संज्ञान में ले जाया गया। मंत्री महोदय ने त्वरित कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं।