@desk:हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर जब वह कार्रवाई करते हैं तो ये लोग (विपक्षी दल) हायतौबा करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक बार लिखकर दें कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकाल दें, फिर मैं कुछ करता हूं। उन्होंने टीआरएस और मजलिस पर इस दौरान जमकर निशाना साधा।
‘इलू-इलू करते हैं टीआरएस-मजलिस।’ – शाह
शाह ने कहा कि टीआरएस और मजलिस के बीच गुप्त समझौता है लेकिन मुझे समझौते से दिक्कत नहीं है। दिक्कत है कि वे यह छिपकर क्यों करते हैं। कमरे में इलू-इलू करते हैं। खुलेआम क्यों नहीं कह देते कि हां, मजलिस के साथ हमारा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के कारण हैदराबाद और आसपास के इलाके भारत के साथ जुड़े लेकिन जिन्होंने उस दौरान पाकिस्तान जाने की मुहिम चलाई थी ऐसी निजाम संस्कृति से हम हैदराबाद को निजात दिलाना चाहते हैं।
शाह ने साधा परिवारवाद पर निशाना।
शाह ने राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह हैदराबाद को नवाब-निजाम कल्चर से मुक्त कराते हुए इसे आधुनिक शहर बनाना चाहते हैं। हैदराबाद को डाइनेस्टी से डेमोक्रेसी की ओर ले जाना चाहते हैं। भ्रष्टाचार से पारदर्शिता की ओर ले जाना चाहते हैं। तुष्टीकरण से विकास की ओर ले जाना चाहते हैं। हैदराबाद का एक बड़ा हिस्सा है, जो खुद को अपमानित महसूस करता है। हम ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं कि किसी की भी हिम्मत नहीं होगी, उन्हें दोयम दर्जे का बनाए।
हैदराबाद का मौजूदा ‘नगर निकाय’ विकास में रोड़ाः शाह
शाह ने कहा कि हैदराबाद में आईटी हब बनने की बहुत संभावना है लेकिन यह तब बनता है जब इसके अनुरूप इन्फ्रस्ट्रक्चर हो। यह बनाने का जिम्मा नगर निकाय होता है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से इसके लिए अनुदान मिलता है लेकिन इसका क्रियान्वयन नगर निकाय द्वारा होता है। जिस प्रकार हैदराबाद में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चल रहा है वह आईटी हब बनने का रोड़ा है। उन्होंने केसीआर पर हैदराबाद की जनता के साथ किया वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया। साथ ही मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
रोहिंग्या के सवाल पर उखड़े शाह
राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों की मौजूदगी से संबंधित सवाल पर अमित शाह उखड़ गए।
उन्होंने कहा, ” मैं जब कार्रवाई करता हूं तो ये लोग (विपक्षी दल) हायतौबा करते हैं। ये लोग एक बार लिखकर दे दें कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकाल दें फिर मैं करता हूं।”
उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव में बात करके कुछ नहीं होता। जब पार्लियामेंट में बहस होती है तब ये क्या करते हैं सारे देश ने देखा है।