मोहित ‘मासूम’@express views
कर्नाटक: कर्नाटक विधान परिषद में गोरक्षा विधेयक को लेकर आज जमकर वबाल हुआ। बात इतनी बढ़ गयी कि एमएलसी आपस में हाथापाई करने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि सभी संवैधानिक मर्यादाएं ताक पर रख दी गई। एक कांग्रेस एमएलसी ने विधानसभा अध्यक्ष से बदसलूकी करते हूए उन्हे जबरन खींचकर कुर्सी से उतार दिया।
कांग्रेसी एमएलसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और जेडीएस ने गैरकानूनी ढंग से स्पीकर का चुनाव किया है। इसलिए उन्हें कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। सदन में मंगलवार को गोरक्षा विधेयक पर चर्चा की जा रही थी, जिसे 9 दिसंबर को ही पास कराया गया है।
उस समय भी सदन में इस विधेयक पर लेकर काफी हंगामा मचा था। कर्नाटक गोहत्या निषेध कानून और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 के नाम से जाना जाने वाले इस विधोयक के अन्तर्गत, राज्य में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और गौहत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। कर्नाटक की राज्य सरकार ने उस समय भारी हंगामें के बीच बिल को पास करा लिया था।
इस बिल अनुसार गौहत्या करने पर 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही दोषी पाये जाने पर व्यक्ति को 3 से 7 साल की जेल प्रावधान भी इस बिल में किया गया है। गोरक्षा को लेकर इतने कठोर कानूनों को बनाने के कारण ही इस बिल का विपक्षी पार्टियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका आरोप है कि सरकार ने कानूनों को जरूरत से ज्यादा कठोर बना दिया है । जब बिल पास कराया गया था, तब पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण के द्वारा विधानसभा परिसर में ही गाय की पूजा की थी। उस समय कांग्रेस के विधायक सदन से वाकआउट कर गये थे।