मोहित जौहरी@express views
पीलीभीत: शुक्रवार को नगर के एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व राज्यमंत्री (समाजवादी पार्टी) हेमराजवर्मा ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वर्तमान की सत्तासीन भाजपा ने देश में लोकतंत्र व संविधान के मायनें बदल दिए है। जो कभी सरकारें जनता के लिए जनता के द्वारा जनता के हित में काम करती थी। वर्तमान की मोदी सरकार इसके ठीक उलट काम कर रही है।उन्होंने कहा कि आज की भाजपा सरकार पूंजीवादी ताकतों की पूरी तरह से गुलाम बन चुकी है जो अपने निजी हित के लिए इन कृषि कानूनों के माध्यम से जनता को पुनः ग़ुलामी की जंजीरों में जकड़ना चाहती है और देश में दोबारा कम्पनीराज स्थापित करना चाहती है।
पूंजीपतियों के हित मे है कृषि बिल –
पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कृषि सुधार के नाम पर लाये गए तीनों काले कानून पूंजीपतियों के लिए पूंजीपतियों के द्वारा पूंजीपतियों के हित में हैं। जो पूर्णतयः किसानों विरोधी है।
इन विपरीत परिस्थितियों समाजवादी पार्टी किसानों के साथ मज़बूती से खड़ी है।
दो प्रमुख उद्योगपतियों पर साधा निशाना–
इस बिल के बारे में किसानों का शक पूर्णतयः तब प्रमाणित हो जाता है। क्योंकि यह बिल हालिया जून के महीनें में आया और अक्टूबर के महीनें में पास हुआ। जबकि बिल के आने से पहले इस सरकार दो पूंजीपति मित्र अडाणी और अम्बानी भारी-भरकम कृषि क्षेत्र में निजी निवेश कर चुके थे।
बिल आने से पहले रिलायंस ने पहले से लाभ चल रहे सबसे बड़े रिटेल चेन बिग बाज़ार का टेक ओवर कर लिया। बिल आने से पहले अडाणी ने बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस और सिलोस बनाये जा चुके थे।
सत्तापक्ष के इशारे पर विपक्ष पर लगाये जा रहे फ़र्जी मुकदमें–
पूर्व मंत्री ने कहा कि किसानों की आवाज़ को कमज़ोर करने लिए सत्तापक्ष के इशारे पर विपक्ष के लोगों पर फ़र्जी मुकदमें लगाये जा रहे हैं। प्रतिरोध की आवाज़ को दबाया जा रहा है। जोकि बेहद दुःखद व शर्मनाक है।
यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने व संविधान की धज्जियां उड़ाने पर आमादा है।
जो लोग किसानों व आम जन के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाकर सरकार की सच्चाई बताने की कोशिश कर रहें है उन पर संगीन धाराओं फ़र्जी मुकदमें दर्ज कराये जा रहे हैं।
उन्होंने योगी के कृषि बिल समर्थन पर आयोजित रैली पर कहा कि किसानों के नाम पर कुछ भी अनाप-शनाप बोलकर लोगों को गुमराह करना इनकी नियति बन चुकी है। उन्हीने कहा किसानों के साथ-साथ इस देश के 130 करोड़ लोग भाजपा की कुनीतियों से कराह रहे हैं। पिछले 15 दिन में रसोई गैस के दाम 100 रुपये बढ़ गए हैं।
जहां वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का 8400 करोड़ रुपये बकाया है।
वहीं धान के किसानों का 120 करोड़ रुपये का बकाया है। धान की सरकारी खरीददारी में पीलीभीत जिले का 32.5 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था अब तक 27 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि पीलीभीत के नहरों में अब तक पानी नहीं, जबकि किसानों तत्काल रूप से इस समय फसलों के लिए पानी की आवश्यकता है।
आज किसान 3-4 डिग्री तापमान पर पिछले तीन हफ़्तों से आंदोलनरत है आये दिन लोगों की जानें जा रही हैं इस बिल के विरोध में किसान आत्महत्या करने तक मजबूर है। अब तक 38 किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान अपनी जानें गवां चुके हैं। लेकिन वर्तमान की भाजपा सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है।
इस समय हालात कुछ इस कदर है लेकिन जनता आने वाले वक्त में इसका सटीक करारा जवाब देगी।