मोहित ‘मासूम’@express views
अभी हम कोरोना से पूरी तरह उबरे भी नहीं थे, कि बर्ड फ्लू ने भी भारत के राज्यों में पैर पसारना शुरू कर दिया है। केरल, हिमाचल प्रदेश , हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, जैसे राज्यों में हजारों की तादाद में पक्षी जिनमें कबूतर, कौवे, अन्य भारतीय और विदेशी पक्षी शामिल हैं, इस बीमारी से ग्रसित होकर मर चुके हैं। कई राज्यों ने अपने यहां इन पक्षियों द्वारा बर्ड फ्लू होने की पुष्टि भी कर दी है। केरल , हरियाणा , मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों ने अपने यहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि भी कर दी है। गनीमत अभी तक यही है कि इस बीमारी से अभी तक मानव में कोई लक्षण और संक्रमित होने के संकेत नहीं मिले हैं। फिर भी हमें एतिहात और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कहीं हमारी नासमझी किसी बड़े खतरे का कारण न बन जाए। बरेली स्थित राष्ट्रीय पक्षी अनुसंधान केन्द्र (आईवीआरआई) में हिमाचल से आए पक्षियों के मृत शरीर की जांच में बर्ड फ्लू वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो गयी है। हरियाणा में ही केवल दो जिलो में एक लाख मुर्गियां मरने की पुष्टि हुई है । जिसकी जाँच रिपोर्ट अभी आना बाकी है।
● क्या होता है बर्ड फ्लू वायरस।
बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन की तरह होता है यह पक्षियों के साथ-साथ जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक होता है। इससे पीड़ित व्यक्तियों की मौत का रेशियो 60 परसेंट के लगभग है। अगर यह वायरस इंसानों से इंसानों में म्यूटेट हो जाता है, तो यह कोरोना की तरह ही ट्रांसमिशन द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से पहुंच जाता है। बर्ड फ्लू एवियन इनफ्लुएंजा वायरस H5N1 की वजह से ही होता है।
● क्या होते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण।
मनुष्य में बर्ड फ्लू होने पर सर्दी, जुखाम, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, डायरिया होना, बार बार उल्टी आना, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण परिलक्षित होते हैं। विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार H5 N1 और H5N5 बर्ड फ्लू वायरस काफी ज्यादा खतरनाक होता है। हरियाणा के पक्षियों में एच5 एन1 वायरस ही मिला है। जबकि मध्यप्रदेश मे मरे कौवे में बर्ड फ्लू का H1N8 वायरस मिला है।
● कैसे फैलता है वर्ल्ड फ्लू वायरस।
बर्ड फ्लू वायरस संक्रमित पक्षियों के मल के माध्यम से, मुंह की लार, नाक के स्त्राव, आंखों से निकलने वाले पानी, संक्रमित पक्षी का कच्चा चिकन, या कच्चे या उबले हुए अंडे खाने से फैल सकता है। इसके अतिरिक्त संक्रमित जगह पर आने जाने वाले व्यक्तियों, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले मनुष्यों एवं संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले प्राणी को भी हो सकता है। बर्ड फ्लू से बचने के लिए हमें हाइजिनिक रहना बहुत आवश्यक है। अगर राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति है तो हमें समय-समय पर हाथ धोना ही चाहिए, और साफ हाथों से ही कुछ खाना चाहिए। हम अगर कोई सा भी चिकन खाते हैं तो उसको 165 डिग्री तापमान में बनाया हुआ होना चाहिए। कच्चे या उबले हुए अंडे से परहेज करें तो बेहतर ही रहेगा। कोई सा भी लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कभी भी वर्ल्ड फ्लू के लक्षण होने पर उस को हल्के में लेने का प्रयास ना करें। यूपी, उत्तराखंड, कर्नाटका, बिहार, आदि राज्यों की सरकारों ने भी बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी कर दिया है।