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विकास भवन में हुई चोरी कहीं किसी बड़े घोटाले से संबंधित साक्ष्यों को नष्ट करने की कोई साजिश तो नहीं

मोहित कुमार जौहरी@express views
पीलीभीत। विकास भवन स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी से संबंधित वार रूम में शुक्रवार की देर रात चोरी का मामला सामने आया है। जहां अज्ञात चोरों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर अपना हाथ साफ कर दिया।

खिड़की जिसका शीशा तोड़कर चोरी को दिया गया अंजाम

अज्ञात चोरों द्वारा वार रूम की खिड़की के शीशे तोड़कर बड़ी सफाई से चोरी की इस घटना को अंजाम दिया गया है या फिर यूं कहें कि विकास भवन कार्यालयों में तैनात किसी भी कर्मी की मिलीभगत से इस घटना को अंजाम दिया गया है।

विगत 2 वर्षों से खराब पड़ा सीसीटीवी कैमरा

काफी समय से खराब पड़े हैं विकास भवन के सीसीटीवी कैमरे आपको ये बता दें कि काफी लंबे समय से विकास भवन स्थित मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं और उन्हें सही कराने तक की जहमत नहीं उठाई गई , जबकि विकास भवन के अधिकारियों द्वारा करोड़ों के मनरेगा घोटाले , डस्टबिन घोटाले को अमलीजामा पहनाकर शासकीय अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कराया गया और सरकारी अर्थव्यवस्था को भी क्षति पहुंचाई गई।परंतु खराब पड़े सीसीटीवी कैमरे रिपेयर कराने के लिए विकास भवन में बैठे अधिकारियों के पास बजट खत्म हो गया।
बताते चलें कि विकास भवन स्थित वाररूम सहित मुख्य विकास अधिकारी के गेस्ट रूम में शुक्रवार की देर रात अज्ञात चोरों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी कर लिए। चोरी की सूचना पाकर पहुंचे प्रभारी डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस क्षेत्राधिकारी व कोतवाल ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। स्वच्छ भारत मिशन के वाररूम में सामान विखरा पड़ा था और खिड़की के ग्रिल कटने के कारण शीशे भी टूटे पड़े थे।
क्या बोले जिला पंचायत राज अधिकारी
डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार की रात घटना को चोरों द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया है जिसमे 2 बैटरी 1 इन्वर्टर सीडीओ ऑफिस से और 2 बैटरी 1 इन्वर्टर वाररूम से चोरी हुआ है। 10 से 15 फ़ाइल चोरों द्वारा बैटरी खाली करते समय तेजाब पड़ने से नष्ट हो गयी हैं । अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस की जांच चल रही है।

नष्ट हुये अभिलेख

विगत वर्ष भी दिया जा चुका है ऐसी ही घटना को अंजाम आपको बता दें कि विगत वर्ष भी जुलाई महीने में स्वच्छ भारत मिशन के इसी वार रूम को चोरों द्वारा निशाना बनाया गया था और प्रकरण का आज तक खुलासा नहीं हुआ। ऐसा क्यों होता है कि स्वच्छ भारत मिशन के इसी वार रूम को टारगेट करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी हो रहे हैं। कहीं स्वच्छ भारत मिशन के किसी बड़े घोटाले से संबंधित साक्ष्यों को जड़ से ही खत्म करने की कोई साजिश तो नहीं रच रहा या फिर विकास भवन कार्यालयों में तैनात किसी कर्मचारी की इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी करने वाले गैंग से मिलीभगत तो नहीं है। फिलहाल कुछ भी हो अगर मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे ठीक हालत में होते तो चोरी की घटना को अंजाम देने वाले चोरों तक पहुंचना बेहद आसान होता और शायद यही बजह रही के विगत वर्ष हुई चोरी की घटना का भी खुलासा कोतवाली पुलिस नहीं कर सकी।

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