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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Covid-19 in UP) का संक्रमण विकराल रूप ले चुका है। मंगलवार को यहां एक दिन में 18 हजार 21 नए केस रिपोर्ट हुए, जो प्रदेश में अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
अस्पतालों और कब्रिस्तानों के बाहर की कतारें बता रही हैं कि उत्तर प्रदेश अब कोरोना के संक्रमण के विस्फोट का सामना कर रहा है। ऐसे में सरकार के साथ ही प्रदेश के हर व्यक्ति की यह कोशिश होनी चाहिए कि किसी भी तरह इस पर काबू पाया जाए। इसके लिए आपको उन कारणों को जानना होगा जिन्होंने एक बार फिर सभी को चिंता में डाल दिया है।
24 घंटों के दौरान यहां 85 कोविड मरीजों की मौत हो गई। राज्य में इस समय 95 हजार 980 पॉजिटिव केस हैं। हालात यह हैं कि सीएम ऑफिस के कई अधिकारियों के पॉजिटिव होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, उन्होंने खुद ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी।
यूपी में दूसरे नम्बर पर है कोरोना संक्रमण की स्थिति
अगर पूरे देश की बात की जाए तो महाराष्ट्र के बाद कोरोना के रोज बढ़ रहे मामलों में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के कंफर्म हो रहे केसों की संख्या भी पिछले 1 सप्ताह में 204 प्रतिशत तक बढ़ी है। लखनऊ में भी प्रतिदिन के केस में भी सप्ताह भर में 350 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। रिकवरी रेट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह मार्च के अंतिम सप्ताह के 98 प्रतिशत से घटकर इस वक्त 85 प्रतिशत रह गया है।
संक्रमण का कारण कोरोना प्रोटोकॉल का ईमानदारी से पालन न करना
कोरोना संक्रमण बढ़ने का एक कारण कोरोना प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन न करना भी है। प्रदेश के बाजारों में लोग बिना मास्क के घूमते नजर आ रहे हैं तो दुकानों में सामान खरीदते समय सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल भी पालन नहीं कर रहे हैं और इसलिए संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। लोग मास्क भी ठीक से नहीं पहन रहे हैं। कुछ लोग तो बस गले में इसे लटका लेते हैं और मास्क पहनने के दायित्व को पूरा मान लेते हैं।