
पवन कालरा@express views
बरेली। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान पैदा करने के लिए प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के कक्षा दो से आठ तक की किताबों के नाम बदल दिए हैं। पूर्व में हर किताब का नाम एक सरीखे होने से भ्रम उत्पन्न होता था। नई व्यवस्था के तहत उनके नाम ऐसे रखे गए हैं जो बच्चों और शिक्षकों को आसानी से याद हो सकेंगे। कवर पेज को इतना आकर्षक बनाया है कि बच्चे की जुबान पर नई किताबों के नाम चढ़ जाएंगे और उनमें इन्हें पढ़ने की ललक जागेगी।
कक्षा दो : किताब कलरव का नाम बदलकर किसलय किया गया है।
कक्षा तीन : किताब कलरव का नाम पंखुड़ी और गिनतारा का नाम अंकों का जादू किया गया है।
कक्षा चार : कलरव का नाम फुलवारी, गिनतारा का नाम अंकजगत, हमारा परिवेश का नाम पर्यावरण, रेनबो का नाम स्प्रिंग, संस्कृत पीयूषम का नाम संस्कृत सुधा किया गया है।
कक्षा चार से आठवी तक के कोर्स में हुआ परिवर्तन, वैदिक गणित को पाठयक्रम में किया शामिल
कक्षा पांच : कलरव का नाम वाटिका, गिनतारा का नाम गणित ज्ञान, हमारा परिवेश का नाम प्रकृति, रेनबो का नाम पेटल्स, संस्कृत पीयूषम का नाम संस्कृत सुबोध किया गया है।
कक्षा छह : मंजरी पुस्तिका का नाम अक्षरा, गणित का नाम सीख गणित, आओ समझें विज्ञान का नाम विज्ञान भारती प्रथम, संस्कृत पीयूषम का नाम संस्कृत निधि, रेनबो का नाम इंग्लिश रीडर किया गया है।
कक्षा सात : मंजरी का नाम दीक्षा, गणित का नाम गणित प्रकाश, पृथ्वी और हमारा जीवन का नाम हमारा भूमंडल रखा गया है।
कक्षा आठ : मंजरी का नया प्रज्ञा, गणित का नाम गणित मंथन, पृथ्वी और हमारा जीवन का नया नाम भारत संसाधन व विकास समेत कई अन्य पुस्तकों का नाम बदला गया है।
कार्य पुस्तिकाओं का भी परिवर्तित हुआ नाम
कक्षा दो से लेकर आठ तक प्रयोग की जाने वाली छह कार्य पुस्तिकाओं का नाम परिवर्तित किया गया है। साथ ही अंग्रेजी माध्यम की 19 पाठ्य पुस्तकों के नामों में भी बदलाव किया गया है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रयोग होने वाली चार वर्क बुक का भी कवर पेज बदलते हुए नाम परिवर्तित किया गया है।
बरेली में शिक्षिका की पहल पर 70 शिक्षकों ने ये काम किया है। जिससे शिक्षा विभाग हैरान है ।