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भृष्ट कर्मचारियों के संरक्षण में रूपपुर कमालू में अवैध रूप से विकसित की जा रही मॉर्डन सिटी कॉलोनी

मोहित जौहरी@express views पीलीभीत। बीसलपुर रोड स्थित रूपपुर कमालू ने मानकों के विपरीत कॉलोनी विकसित हो रही है। सूत्रों की माने तो राजस्व विभाग के भृष्ट कर्मचारियों की सांठ गांठ से इस कारनामे को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। आपको बता दें कि पूर्व में भी इस कॉलोनी के कालोनाइजर विवादों के घेरे में रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीसलपुर रोड स्थित रूपपुर कमालू में गाटा संख्या 253 पर विकसित की जा रही मॉडर्न सिटी कॉलोनी का न तो कोई नक्शा पास है और न ही भूमि 143 में दर्ज है।बता दें कि विवादित भूमि में अभिलेखों के अनुसार एक हिस्सा सरकारी तालाब का भी है जिसका अस्तित्व कॉलोनाइजरों द्वारा समाप्त करने की तैयारी चल रही है। किन्तु भृष्ट कर्मचारी और लेखपाल पहले से ही इन माफियाओं से चढ़ावा लेकर अपनी आंख पर पट्टी बांधे बैठे हुए है। जिनके कारण पब्लिक एक बार फिर धोखे का शिकार हो रही है आपको बता दें मॉडर्न सिटी की प्लाटिंग एक एग्रीमेंट के तहत बिना 143(80) दर्ज कराए और बिना नक्शा पास हुए की जा रही है।

पहले भी की जा चुकी है कालोनाइजर द्वारा धोखाधड़ी
इस कॉलोनी में प्लाट की बिक्री करने वाले भगीरथ वर्मा पर पहले से ही लोगों का पैसा हड़पने का आरोप भी है।
आरोप है कि भगीरथ वर्मा ने अपने साझेदारों यासीन कादिरी, संजय वर्मा के साथ मिलकर 2012 में एक कंपनी की स्थापना कर लोगों से साढ़े पांच वर्ष में पैसा दुगना करने की बात करते हुए लोगों से मोटी रकम जमा करवाई । साथ ही स्कीम के तहत पैसा न लेने के स्थान पर उतनी ही राशि का प्लाट आवंटित करने की बात की । भोले भाले लोग इन षड्यंत्र कारियों के चंगुल में फंस गए और अपनी मेहनत की गाड़ी कमाई इनकी कंपनी में जमा करवा दी । किन्तु समय अवधि पूर्ण होने पर कंपनी के संचालकों ने लोगों का पैसा लौटने को मना कर दिया। साथ ही संचालक यासीन कादिरी, संजय वर्मा, व भगीरथ ने पीड़ितों को धमकाना शुरू कर दिया।
अब देखना ये है कि ईमानदार छवि वाले जिलाधिकारी से पीड़ित लोगों को क्या इंसाफ मिलता है? क्या प्रशासन द्वारा कॉलोनाइजरों पर कोई कार्यवाई होती हैं या नही?

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