
बरेली। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मेहतरपुर करोड़ परिसर में बड़ी ही श्रद्धा से महामानव बी.आर.अंबेडकर जी का जन्म दिवस बहुत धूम धाम से मनाया।इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने बताया की समाज के दबे कुचले शोषित लोगों को डॉ. भीमराव जीवन जीने की एक नई दिशा दी और सभी अधिकार दिलवाए।
डाॅ. भीमराव आम्बेडकर जिन्हें डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले अम्बेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। अम्बेडकर जी को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। अम्बेडकर की पहली जयन्ती सदाशिव रणपिसे इन्होंने 14 अप्रैल 1928 में पुणे नगर में मनाई थी। रणपिसे अम्बेडकर जी के अनुयायी थे। उन्होंने अम्बेडकर जयन्ती की प्रथा शुरू की और भीम जयन्ती के अवसरों पर बाबा साहेब की प्रतिमा हाथी के अम्बारी में रखकर रथसे, ऊँट के उपर कई मिरवणुक निकाली थी।
इस अवसर पर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मेहतरपुर करोड़ के चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर योगेंद्र सिंह योग प्रशिक्षक विभाकर उपाध्याय व पूर्ति गुप्ता तथा नरेंद्र पाल विशन लाल उपस्थित रहे।