- डेढ सप्ताह से लगातार निगरानी कर रही थी वन विभाग की टीम
- पीसीसीएफ से सामाजिक वानिकी विभाग को दी गई थी रेस्क्यू की अनुमति
पूरनपुर।खारजा नहर पटरी पर डेढ़ सप्ताह से डेरा जमाए शावक को वन विभाग की टीम ने दो दिन के ऑपरेशन के बाद सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया।रेस्क्यू किए गए शावक को पिंजरे में कैद कर पीटीआर की माला रेंज कार्यालय रखा गया है।
24 नवंबर को पीलीभीत टाइगर रिजर्व से निकला शावक बीते डेढ़ सप्ताह से खारजा नहर की पटरी पर डेरा जमाए हुए था।पूरनपुर सामाजिक वानिकी विभाग की टीम लगातार शावक की निगरानी में लगी हुई थी। शावक की निगरानी हेतु राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अनुसार निगरानी समिति बनाई गई। शावक की लगातार एक ही जगह पर लोकेशन दर्ज होने के बाद सामाजिक वानिकी एवं वन्य जीव प्रभागीय निदेशक संजीव कुमार ने रेस्क्यू के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया। एनटीसीए की रिपोर्ट के बाद बुधवार पीसीसीएफ ने प्रभागीय निदेशक को शावक को जाल की मदद से रेस्क्यू करने की अनुमति प्रदान कर दी। बुधवार दोपहर प्रभागीय वनाधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने शावक को रेस्क्यू करने के लिए लोकेशन के चारों ओर जाल को लगाकर प्रयास शुरू कर दिए। देर रात तक चले प्रयासों के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी।शावक को कैद करने के लिए पिंजरे को लगाकर उसमें मांस रखा गया। देर रात तक शावक अपनी लोकेशन पर वापस नहीं आया। बृहस्पतिवार सुबह होते ही सामाजिक वानिकी एवं वन्यजीव प्रभागीय निदेशक संजीव कुमार के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने शावक की लोकेशन जुटाना शुरू कर दी। लोकेशन मिलने के बाद टीम ने जाल लगाकर प्रयास शुरू कर दिए। रेस्क्यू के दौरान शावक पेड़ पर चढ़ गया। टीम ने मौके का फायदा उठाते हुए पेड़ पर जाल फेंक कर शावक को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया।पकड़े गए शावक को रेस्क्यू के बाद पिंजरे में कैद कर लिया गया। वन विभाग की टीम प्रभागीय निदेशक संजीव कुमार के नेतृत्व में शावक को लेकर पीटीआर की माला रेंज कार्यालय पर पहुंची। जहां पर उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया। पशु चिकित्सक डॉ दक्ष गंगवार की रिपोर्ट में शावक पूरी तरह स्वस्थ पाया गया।शावक को रेस्क्यू करने वाली टीम में मुख्य रूप से संजीव कुमार प्रभागीय निदेशक वन एवं वन्य जीव प्रभाग, नवीन खंडेलवाल प्रभागीय वनाधिकारी पीटीआर, अनिल नायर डब्लू डी आई, नरेश कुमार डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, डॉक्टर दक्ष गंगवार पशु चिकित्सक, कपिल कुमार प्रभारी क्षेत्रीय वनाधिकारी, राम जी क्षेत्रीय वनाधिकारी माला, रामाधार, हर्षित मिश्रा,कोशैन्द्र यादव, सुरजीत कुमार आदि शामिल रहे।