श्रीमद भागवत कथा का आयोजन, भक्तों की उमड़ी भीड़
पीलीभीत।बरखेड़ा क्षेत्र के गांव रामनगर जगतपुर में सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा का आयोजन 19 सितम्बर से चल रहा है। जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। गांव व दूर दूर से लोग भागवत कथा सुनने के लिए पहुँच रहे है। आज यानि बुधवार को कन्याभोज व हवन पूजन के साथ भागबत कथा का समापन किया जाएगा। ग्राम पंचायत राम नगर जगतपुर में ठाकुर विजनेश सिंह के नेतृत्व में 19 सितम्बर से भागवत का शुभारंभ किया गया था। जिसमें खीरी जिले के छोटी काशी गोला गोकरणनाथ से आए कथावाचक सद्गुरु शरण त्यागी जी उर्फ़ राजवीर भैया व रविता शास्त्री तपोभूमि छोटीकाशी गोला गोकरननाथ के मुख से भक्तों को रसपान करा रहे है। मंगलवार को सदगुरु शरण त्यागी जी ने कथा के रसपान के दौरान भक्तों को बताया कि कि मन को जहां लगाओगे वह वहीं का चिंतन करेगा। वह बेलगाम हो जाता है। तब वह संसार से प्रेम करता है जो क्षणिक सुख देता है। भक्ति स्थाई आनंद देती है। विषय बासनाएं भक्ति में बाधक बनती हैं। भक्ति कष्टों का निवारण करती है। इसलिए हर व्यक्ति को भगवान की भक्ति में मन लगाना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालू कथा प्रारंभ होने से समाप्त होने तक कथा स्थल पर मौजूद रहते हैं। कथा के तीसरे दिवस कृष्ण जन्मोत्सव कथा सुन श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार होने लगा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव की मनमोहक झांकी निकाली गई।जन्मोत्सव को देखने सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गण उमड़ पड़े। इसी के साथ मंगलवार को गोवर्धन पूजा कराई गई है। श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए गए। जिसमें तमाम संख्या में गांव की महिलाओं का ग्रामीणों ने पहुंचकर कथा स्थल पर पहुंचकर गोबर्धन पूजा की। कथा वाचक सद्गुरु शरण त्यागी जी ने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए कहा कि इंद्र को अभिमान हो गया कि वह बृज में अपनी शक्ति से हाहाकार मचा सकता है, इस अभिमान को श्रीकृष्ण ने पलभर में गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर चूर कर दिया। सात दिन तक वह गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाए रहे और इंद्र के अभिमान को चूर किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भी अपने अभिमान से बचना चाहिए। इसके बाद छप्पन भोग लगा। इस दौरान तमाम संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।