घर पर ही मनाया गया शबे बरात , मांगी अमन चैन और करोना से निजात की दुआएं।
शबे बरात : घर पर पकवान बने, फातेहा हुई


पीलीभीत। शबे बारात त्योहार आज लोगों ने घर पर ही मनाया गया। वैसे तो अपने बुजुर्गो की याद में इस त्यौहार पर लोग कब्रस्तान में जाकर चारागा करते हैं, लेकिन करोना महामारी के चलते इन दिनों हर कोई अपने घर पर ही है। इसलिए आज घरों में हलवा आदि बनाकर लोगों ने फातिहा की और मुल्क में करोना महामारी से बचाव के लिए दुआएं की।
मुस्लिम समुदाय के तमाम त्योहारों में से एक त्योहार शब-ए-बारात है। इस्लाम में इस त्योहार की काफी अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आठवां यानी शाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है, जो आज देश भर में मनाई जा रही है। गुरुवार अप्रैल की शाम को मगरिब की अजान होने के साथ शब-ए-बारात की शुरुआत हुई और शुक्रवार को शाबान का रोजा भी रखा जाएगा.
शब-ए-बारात के त्यौहार के दिन पड़ने वाली रात की काफी अहमियत है। शब-ए-बारात मुसलमान समुदाय के लिए इबादत,फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी जाती है। इसीलिए तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर इबादत करते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
मुस्लिम समुदाय के लोगो ने घर पर नियाज़ नज़र के लिये पकवान बनाएं। मुलक मे अमन ओ चैन और करोना जैसी महामारी को मुलक से खत्म करने के लिये दुआ मांगी।