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सतगुरू तेगबहादुर जी 400 सालाना प्रकाश दिवस पर कीर्तन दरबार पर शुध्द गुरबाणी बोध मे छोटे बड़े सिंह व सिंघड़ियो लिया भाग

रिपोर्ट: राम सिंह गिल

उत्तराखंड राज्य में एक प्रसिद्ध इतिहासी गुरुद्वारा श्री नानक मता साहिब के नाम से जाना जाता है।इस प्रसिद्ध स्थान पर प्रथम सतगुरू श्री गुरु नानक देव जी आगमन तथा उपरांत छठे सतगुरू श्री हरगोबिंद साहब जी का आगमन हुआ।जिन्होंने सिध्धों को ईश्वर के विरुद्ध पूजा करके वहाँ की भोली भाली जनता को डरा कर अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते थे ।और परेशान कर अपनी इच्छा के अनुसार चलने के लिए कहते थे।जब प्रथम सतगुरू श्री नानक देव जी ने वहाँ पर हो रहे जनता के साथ अत्याचार देखा तो गुरु गोरखनाथ जी के चेले(सिद्ध)से बेवजह परेशान न करने को कहा।और एक ईश्वर का नाम लेकर दूसरों के ऊपर परोपकार करने के लिए कहा ।हाथ जोडकर माफी मांगने लगे कि हम किसी को परेशान नहीं करेंगे।
लेकिन कुछ फर्क नहीं पड़ा।और सिद्ध अपनी मनमानी पर अटल होकर जनता को बार बार परेशान करना जारी रहा।
जनता के दुःख को देखकर श्री गुरु नानक देव जी से नहीं रहा गया।फिर अकाल पुरख वाहेगुरू अरदास कर सिद्धों को दुवारा परेशान न करने की हिदायत दी।और वाहेगुरु ने अपनी शक्तियों से सिद्धोंको दंडित किया।इतने पर भी नहीं माने सिद्धों ने अपनी नाजायज शक्ति से वहाँ पर खड़े पवित्र पीपल के वृक्ष को आकाश में उडा दिया।फिर सतगुरू ने वाहेगुरु के अरदास कर पीपल को उड़ने से अपने हाथ का पंजा उठा कर रुकने को कहा।पीपल वहीं स्थापित हो गया।तभी से पंजा साहिब के नाम से जाना जाता है।

इसके उपरांत सिद्ध नहीं माने पीपल वृक्ष को सिद्धों ने अपनी शक्ति से सुखा दिया।फिर छेबें सतगुरू हरगोविंद साहिब जी ने श्री नानक मता के स्थान पर आकर अपनी दिव्यदृष्टि से दुवारा पीपल वृक्ष को हरा भरा कर दिया।
वर्तमान श्री गुरद्वारा साहब की भव्य हरिमंदिर बन गया है जहाँ पर हर मौसम में हर समय लंगर अटूट वरताया जाता हैं।यहां पर रहने के लिए कमरे,शौचालय, विस्तरे बाहर से दर्शन करने वालों की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
जिसमें हर वर्ष दस गुरुओं की जोति सतगुरू श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी मे कीर्तन दरबार सजाकर एक ईश्वर की शिक्षा प्रदान की जाती हैं।
अब 05.04.2021 को नौवें सतगुरू श्री तेगबहादुर जी के प्रकाश दिवस पर शुद्ध गुरबाणी का बोध कराकर शिक्षा ग्रहण कराई जिसमें सैकड़ो सिंह, सिंघडियों शुद्ध पाठ करने की शिक्षा प्राप्ति की।कीरतन दरबार मे रागी,कथावाचक, कवि, ढाणियों ने गुरु जस सुनाकर संगत को निहाल किया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रचारक गिआनी सुखविंदर सिंह ने बताया कि यह प्रोग्राम श्री गुरुद्वारा नानक मता प्रबंधक कमेटी द्वारा करवाया गया।

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