बरेली में खून की कालाबाजारी का भंडाफोड़, चार आरोपी गिरफ्तार
बरेली। कोतवाली पुलिस ने शहर में खून की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह गरीब और नशे के शिकार लोगों से खून निकलवाकर उसे मोटी रकम में बेचता था। हैरान करने वाली बात यह है कि इस गैंग में आईएमए ब्लड बैंक के दो सफाई कर्मचारी भी शामिल थे।
एसपी सिटी मानुष पारीक ने प्रेस वार्ता में बताया कि आईएमए ब्लड बैंक में कार्यरत सफाई कर्मचारी अभय और विनीत, अपने दो अन्य साथियों प्रेमनाथ और धीरेंद्र शर्मा के साथ मिलकर यह घिनौना धंधा चला रहे थे। जब किसी मरीज के तीमारदार को ब्लड डोनर नहीं मिलता था, तो यह गिरोह उन्हें झांसा देकर पैसे लेकर खून उपलब्ध कराता था।
प्रेमनाथ और धीरेंद्र गरीब, लाचार और नशे में डूबे लोगों को फुसलाकर उनका खून निकलवाते और बदले में उन्हें मामूली पैसे या खाने-पीने का सामान देकर टरका देते थे। यह खून 8 से 10 हजार रुपये में बेच दिया जाता था और चारों आरोपी आपस में रकम बांट लेते थे।
आईएमए प्रबंधन को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने गोपनीय रूप से पुलिस को सूचना दी। कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर ब्लड बैंक के बाहर दबिश देकर चारों आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी जारी है। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार और अमानवीयता की गहरी झलक देता है।