दावत-ए-इस्लामी संगठन पर सरकार लगाए रोक: मौलाना ज़रताब रजा

@desk:दावत-ए-इस्लामी संगठन के तार उदयपुर की घटना से जुड़े होने की चर्चाएं चल रही है। इस बीच जिले में आस्थान-ए- आलिया हशमतिया ने संगठन के लोगों के आस्थाने पर आने को लेकर प्रतिबंध लगाया है। सज्जादानशीन मौलाना जरताब रजा खां ने इस बाबत बयान भी जारी किया है और प्रदेश सरकार से संगठन की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई है।
मौलाना जरताब रजा सज्जादानशीन के साथ शहर काजी भी हैं। उनका कहना है कि दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तानी संगठन है जो भारत के साथ दुनिया के कई मुल्कों में सक्रिय है। संगठन जिले से ही लाखों रुपये का चंदा जमा करता है। जिले में भी कई मदरसे संचालित हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि संगठन चंदे के पैसे को कहां खर्च कर रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए। संगठन के लोग पूरे जिले में मदरसा, रमजान, कुर्बानी के नाम पर लाखों रुपये का चंदा लेते हैं, ये पैसा पाकिस्तान भेजा जा रहा है और देश विरोध गतिवधियों में खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पिता मौलाना मुशाहिद रजा खां ने भी 1999 में संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई थी, लेकिन सरकारों ने इसपर ध्यान नहीं दिया। ऐसे संगठन देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
संगठन का मुखिया कराची पाकिस्तान में बैठकर पूरी दुनिया में गतिविधियां संचालित करता है और भारत में जमा किया गया चंदा पाकिस्तान पहुंचाया जा रहा है। वहां इसका इस्तेमाल दशहतगर्दी के लिए किया जाता है। उन्होंने सवाल भी उठाया कि ऐसे संगठन के मदरसों को मान्यता कैसे मिल रही है। संगठन के लोग मदरसों और मजिस्दों में जाते हैं। दीनी तालीम के नाम पर।
युवाओं को गुमराह करते हैं। इस्लाम इंसानियत से मोहब्बत करना सिखाता है न कि नफरत फैलाना। इसलिए आस्थाने आलिया, और मस्जिद बादशाह बेगम में तंजीम से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाया है।
उन्होंने ये भी कहा कि संगठन के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं, उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार से गुजारिश है कि जिस तरह से कश्मीर में कई संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया वैसे उत्तर प्रदेश में भी दावत-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध तत्काल लगाया जाए।