ईद मिलादुन्नबी पर खुराफातियों ने एक बार फिर शहर का माहौल बिगाड़ने की रची साजिश।

नन्दकिशोर शर्मा@express views
बरेली।सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद बाद ईद मिलादुन्नबी पर खुराफातियों ने एक बार फिर शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची। ऐन वक्त पर अफसरों के प्रबंधन और फोर्स की चुस्ती से माहौल शांत हो गया।
बरेली में ईद मिलादुन्नबी पर निकल रहे अंजुमनों के जुलूस को लेकर बुधवार देर रात जगतपुर इलाके में दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। एक पक्ष ने नई परंपरा बताकर धरना दिया तो दूसरा पक्ष उसी रास्ते से निकलने पर अड़ गया। देर रात अफसरों ने लाठियां फटकार कर मामला शांत कराया। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स लगाकर दूसरे रास्ते से जुलूस निकलवाया गया।
विरोध कर रहे पक्ष के लोगों ने बताया कि इस रूट से पहले कभी अंजुमनों का जुलूस नहीं निकाला गया है। यह नई परंपरा डाली जा रही है। आरोप लगाया कि इस बार पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में एक-एक करके छह अंजुमनें निकाल दी गईं। वहीं, दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि यही परंपरागत रूट है। बेवजह विवाद किया जा रहा है।
एसपी सिटी राहुल भाटी के नेतृत्व में जिले के सभी सीओ, शहर क्षेत्र के थाना प्रभारी के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स लगाकर लोगों को समझाया गया। एसपी सिटी ने बताया कि अंजुमनों के जुलूस को दूसरे मार्ग से निकाल दिया गया है। अब स्थिति सामान्य है।
विरोध में धरने पर बैठ गए थे लोग
ईद मिलादुन्नबी पर पुराने शहर से निकलने वाली कई अंजुमनें क्षेत्र में घूमकर आधी रात को मुन्ना खां की नीम पर पहुंचती हैं। बुधवार रात 9:45 बजे तक सब ठीक था। जगतपुर तिराहे से एक अंजुमन मीरा की पैठ की ओर बढ़ी तो रवि की चक्की के पास दूसरे पक्ष के लोगों ने नई परंपरा बताकर इसका विरोध शुरू कर दिया। कुछ लोग धरने पर बैठ गए।
पुलिस ने समझाने की कोशिश की तो दूसरे पक्ष के लोग भी आक्रोशित हो गए। वह दूसरी सड़क पर धरने पर बैठने लगे। माहौल बिगड़ता देख पुलिस के साथ आरएएफ और पीएसी के जवान भी मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच आरएएफ के जवान ढाल बनकर खड़े हो गए। आधा किमी के दायरे में पुलिस और अफसरों ने मोर्चा संभाल लिया। हुड़दंगियों को खदेड़कर पुलिस ने घरों के दरवाजे बंद करा दिए।
एक पक्ष ने लगाया नई परंपरा का आरोप
विवाद के दौरान एक पक्ष के यज्ञदत्त शर्मा व धर्मेंद्र आदि ने बताया कि जुलूस का सही मार्ग जगतपुर तिराहे से शाहदाना होकर श्यामगंज और वहां से सैलानी में मुन्ना खां की नीम जाने का है। शॉर्टकट के चक्कर में लोग अंजुमन को इधर से निकालना चाहते हैं।
पिछले साल दो अंजुमन पीछे रह गई थीं। संचालकों के अनुरोध पर दोनों को इधर से निकलवा दिया गया था। इस बार भी सात अंजुमनें निकल गईं। इस पर उन लोगों ने विरोध दर्ज कराया जो सही था। आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी।
दूसरे पक्ष ने भड़काने का लगाया आरोप
अंजुमनों की ओर से आईएमसी के प्रवक्ता डॉ. नफीस खान ने पुलिस-प्रशासन से बात की। बताया कि हर साल इधर से ही जुलूस निकलता है। इस बार भी सात अंजुमनें गईं। अगर रास्ता गलत था तो बाद में बल्ली क्यों लगा दी गई। शायद किसी ने बस्ती के लोगों को भड़का दिया।
अंजुमन के साथ खूब गरजे डीजे
इस बार दरगाह प्रबंधन की ओर से एलान किया गया था कि डीजे बजाने वाली अंजुमनों का विरोध किया जाएगा। उन्हें अपने जुलूस में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद आधी से ज्यादा अंजुमनों में डीजे या तेज साउंड पर धार्मिक गीत बजाए गए। साथ में बाइकों पर सवार लड़के हुड़दंग मचा रहे थे। इससे भी माहौल बिगड़ने का अंदेशा बना।