Latest Posts
home उत्तर प्रदेश बदायूं बरेली राज्य 

स्कूल में अचानक बच्चे दबाने लगे अपनी गर्दन, कई बच्चों की बिगड़ी हालत, बच्चे बोले देखा था भूत

बरेली । नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम ईंध जागीर के जूनियर हाईस्कूल में शनिवार को जो हुआ, उसने सभी को स्तब्ध कर दिया। स्कूल के कुछ बच्चे अचानक अजीब हरकतें करने लगे। कोई अपनी गर्दन दबा रहा था, तो कोई डर से चीख रहा था। बच्चों के इस व्यवहार ने पूरे स्कूल को दहशत में डाल दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि डॉक्टर और प्रशासन को तुरंत बुलाना पड़ा। बच्चों के मुताबिक, उन्हें “लंबे नाखून वाली सूरत” ने डराया। घटना को लेकर गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा गर्म है।

अचानक क्यों बिगड़ी बच्चों की तबीयत?

घटना शनिवार दोपहर ढाई बजे के करीब शुरू हुई। कक्षा 6 की छात्रा शबनूर अचानक गश खाकर गिर पड़ी और अपने हाथों से गला दबाने लगी। यह देखकर सहपाठी और शिक्षक भी चौंक गए। इसके तुरंत बाद अन्य बच्चे—दीप्ति, लता, फरीन, सोहेल, इंद्रजीत, और अंजुम—भी उसी तरह की हरकतें करने लगे। सभी के चेहरों पर डर और दहशत साफ झलक रही थी।

जांच के लिए पहुंची डॉक्टरों की टीम

डॉक्टरों की टीम तुरंत स्कूल पहुंची और बच्चों की जांच की। हालांकि, किसी भी तरह की बीमारी या विषाक्तता के संकेत नहीं मिले। बच्चों के इस अजीब व्यवहार को लेकर डॉक्टरों ने इसे मानसिक दबाव, सर्दी या सामूहिक डर का परिणाम बताया।

यह सब छुट्टी से कुछ समय पहले हुआ, जब बच्चे स्कूल में अपनी कक्षाओं में थे। बच्चों के अनुसार, उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई “लंबे-लंबे नाखून वाली सूरत” उनका गला दबा रही थी। कुछ बच्चों ने यह भी कहा कि उन्होंने “भूत जैसी छवि” देखी। शिक्षिका सुषमा और सायम सहरा ने तुरंत स्कूल प्रशासन और ग्राम प्रधान प्रेमशंकर गंगवार को सूचित किया। ग्राम प्रधान के साथ डॉक्टर विजय और उनकी टीम मौके पर पहुंचे। बच्चों की हालत देखकर तुरंत उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।

मिड-डे मील पर सवाल

घटना के समय, बच्चों ने दोपहर एक बजे मिड-डे मील के तहत आलू-टमाटर की सब्जी और चावल खाया था। हालांकि, खाने को लेकर किसी भी छात्र ने कोई शिकायत नहीं की। यह संभावना भी जताई जा रही थी कि भोजन से कोई प्रतिक्रिया हो सकती है, लेकिन जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।

चिकित्साधीक्षक डॉ. अमित गंगवार ने बताया कि बच्चों में किसी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि सर्दी, थकान, या वर्क लोड के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी हो। संभवतः, एक बच्चे की हालत बिगड़ने पर अन्य बच्चे डर के कारण वही व्यवहार करने लगे। गांव के लोगों में घटना को लेकर अलग-अलग चर्चाएं हैं। कुछ इसे “भूत-प्रेत” का असर मान रहे हैं, तो कुछ इसे हवा या किसी अदृश्य शक्ति का प्रभाव कह रहे हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी ए.के. उपाध्याय और लेखपाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों और स्कूल स्टाफ से घटना की पूरी जानकारी ली। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। पुलिस ने भी घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की है।

Related posts

Leave a Comment

error: Content is protected !!