Latest Posts
home राज्य 

महाभारतकालीन लीलौर झील बनेगी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र, डीएम ने किया निरीक्षण


बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल शुरू हो गई है। बरेली के आंवला स्थित महाभारत कालीन लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में सौंदर्यकरण करने की तैयारी शुरू हो गई है। झील की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इसे सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभारा जायेगा। युवाओं को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से जोड़ने और उससे रूबरू कराने के लिये लीलौर झील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। डीएम बरेली अविनाश सिंह ने लीलौर झील का स्थलीय निरीक्षण कर सौंदर्यीकरण व विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि झील के चारों ओर पौधारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के स्थायी उपाय किए जाएं ताकि यह स्थल प्राकृतिक रूप से अधिक आकर्षक और रमणीय बन सके।
डीएम अविनाश सिंह ने स्पष्ट किया कि लीलौर झील के विकास के लिए जो भी कार्य कराए जाएं, उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। वाटर रीचार्ज सिस्टम लगाने, झील की नियमित साफ-सफाई, तथा पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि झील में नौका विहार (बोटिंग) की भी व्यवस्था की जाये। जिससे यह स्थान पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बनेगा।
डीएम ने बताया कि लीलौर झील का संबंध महाभारत काल की यक्ष-युधिष्ठिर कथा से है। मान्यता है कि इसी झील पर यक्ष ने युधिष्ठिर से प्रश्न पूछे थे और संतोषजनक उत्तर मिलने पर उनके भाइयों को जीवनदान दिया था। यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को समझने और जानने का मौका मिलेगा। इससे एक ओर जहां आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं के लिये रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
पौधारोपण कर दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधारोपण भी किया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इन पौधों की देखरेख करें ताकि यह आने वाले समय में फलदायी सिद्ध हों। गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुई खुदाई के कारण टूटी सड़कों को डीएम ने तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने झील के बांध की टूट-फूट को शीघ्र मरम्मत के आदेश दिए। गौवंशीय पशुओं की अच्छे से देखभाल करने और निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में भेजने के निर्देश दिये। जिससे किसानों की फसलें सुरक्षित रहें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, नगर आयुक्त संजीव मौर्य, उपजिलाधिकारी नहने राम सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।

Related posts

Leave a Comment

error: Content is protected !!