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टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में शिक्षक मुखर, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दिया ज्ञापन

अवनीश श्रीवास्तव@express views

पीलीभीत। 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी की अनिवार्यता थोपे जाने के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में शिक्षक राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले सड़कों पर उतरे। अपराह्न तीन बजे शिक्षक कचहरी तिराहे पर जुटे और नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि नियुक्ति के समय सभी आवश्यक अहर्ताएं पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को ही शिक्षक बनाया गया था। अब उन पर टीईटी की अनिवार्यता लागू करना न सिर्फ अनुचित है बल्कि इससे देशभर के लगभग 20 लाख शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और गरिमा पर संकट आ जाएगा।

महासंघ के जिलाध्यक्ष मुकेश अवस्थी ने कहा कि शिक्षकों का मनोबल लगातार तोड़ा जा रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर समस्या का स्थायी समाधान कराने की मांग की।

प्रदर्शन में महासंघ के संरक्षक भद्रपाल गंगवार, जिला मंत्री मुईन अहमद खां, उपाध्यक्ष विभु मिश्रा, संगठन मंत्री जितेंद्र कुमार, हितेश शर्मा, मृदुला, आलोक जायसवाल, मनोज मौर्य, बबिता, सत्यदेव गंगवार, नवीन भारती, रामचंद्र लाल, सूरज गंगवार, सुशील प्रजापति, लाल करन, राजकुमार, वीर सिंह गंगवार और शिशुपाल सहित सैकड़ों शिक्षक शामिल रहे।

राज्य मंत्री कार्यालय में भी सौंपा ज्ञापन

कलेक्ट्रेट से लौटने के बाद शिक्षक संजय रायल पार्क स्थित राज्य मंत्री (गन्ना विकास एवं चीनी मिलें) संजय गंगवार के कार्यालय पहुंचे और उनके प्रतिनिधि को भी ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की।

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