पीलीभीत नगर पालिका ने हड़प ली रेड क्रॉस सोसाइटी की जमीन
विनय सक्सेना/मोहित जौहरी@express views
पीलीभीत, रेड क्रॉस सोसाइटी एक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संगठन है जिसके अनेक देशों में अस्पताल एवं कार्यालय हैं दुनिया भर में इसके सामाजिक कार्यों की सराहना की जाती है इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन संविधान के सेक्शन 25, 1920 में हुआ था सोसाइटी की बेशकीमती जमीन जिस पर कभी चाइल्ड वेलफेयर एवं मेटरनिटी सेंटर चलाता था।
30 साल पहले कब्जा कर दुकानों का निर्माण अवैध रूप से करा लिया गया आज भी यह जमीन नगरपालिका के अवैध रूप से कब्जे में है।

बताते चलें रेड क्रॉस सोसाइटी के सामाजिक कार्यों से प्रभावित होकर पीलीभीत के राय बहादुर साहू हरप्रसाद एवं राजा राधारमण में शहर में बेशकीमती जमीन मौजा मुड़िया पनये जो( अब सुनगढ़ी )के नाम से जानी जाती है के गट्टा संख्या 327, 328/1, 332/2, 329, 334/1 व 334/2 जिसका कुल रकबा 10 बीघा 17 बिस्वा तथा दो विस्बासी था। रेड क्रॉस सोसाइटी को दान की थी। जिसका हिबानामा 23 मार्च 1933 को लिखा गया। यह जमीन आज विशाल टॉकीज के ठीक सामने स्थित है सोसायटी द्वारा इस जमीन पर चाइल्ड वेलफेयर एवं मेटरनिटी सेंटर की शुरुआत की गई थी इसके लिए यहां एक मुख्य भवन व नर्सो के रहने के लिए क्वार्टर बनाए गए थे तथा सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए चारदीवारी का निर्माण कराया गया था।
1990 में जादुई तरीके से सरकारी अभिलेखों में गड़बड़ी कर यह जमीन नगर पालिका परिषद के जेर इंतजाम में सरकारी मिल्कियत हो गई। नगर पालिका ने भी बगैर समय कमाए आनन-फानन में अस्पताल की बिल्डिंग को तुड़वा कर इस जमीन पर मोटी रकम लेकर दुकान दारो से, 12 दुकानों का निर्माण करा दिया और दुकानदारों को गुपचुप तरीके से एलाटमेंट कर दिया गया। इन दुकानदारों से नगरपालिका अवैध रूप से बाकायदा किराया भी वसूल कर रही है इस जमीन पर नगर पालिका ने अवैध रूप से वाटर पंप व सुलभ शौचालय भी स्थापित कर रखा है।


रेड क्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य डॉक्टर जगमोहन लाल अरोरा, डॉक्टर शोभा अरोरा एक्स डायरेक्टर हेल्थ व वरिष्ठ अधिवक्ता जय वीर सिंह परमार हैं ।

वरिष्ठ अधिवक्ता जय वीर सिंह परमार ने नगर पालिका परिषद की इस धोखाधड़ी की शिकायत महामहिम राष्ट्रपति जो भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं से की गई इसी क्रम में जय वीर सिंह परमार एडवोकेट ने 14 अक्टूबर 2000 को एक पत्र राजपाल उत्तर प्रदेश जो रेड क्रॉस सोसायटी उत्तर प्रदेश के पदेन अध्यक्ष हैं को भी लिखा गया। 11 दिसंबर 2000 को राज्यपाल के अनुच्छेद ने इस संबंध में जिलाधिकारी पीलीभीत को जांच कर स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया। 20 दिसंबर 2000 को जिला अधिकारी जो रेड क्रॉस सोसाइटी की पीलीभीत इकाई के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं ने मुख्य अधिकारी को इस संबंध में जांच कर अपनी आख्या देने का हुक्म जारी किया था। इसी क्रम में एक जांच के आदेश CDO को सौंपी गई थी अनुभाग 111,फाईल संख्या 1, क्रमांक संख्या 1,इन्टैक्स संख्या 91,जो आज तक उस फाईल को CDO ऑफिस में दबा दिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता जयवीर सिंह परमार ने एक वादा 16 /,04/2018 सिविल जज सीनियर डिवीजन मैं दायर किया है जिसमें नगर पालिका ने अपना जवाब दाखिल किया है।
2 फरवरी 2001 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपनी आख्या जिलाधिकारी को भेज दी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने लिखा कि विशाल टॉकीज के सामने मीना बाजार के नाम से प्रसिद्ध इस जमीन को पीलीभीत के जमीदार राय बहादुर साहू हरप्रसाद एवं राजा राधारमण ने रेड क्रॉस सोसाइटी को चाइल्ड वेलफेयर एवं मेटरनिटी सेंटर चलाने के लिए दान में दी थी जिसका हिबानामा 23 मार्च 1933 को सोसाइटी को दान में दिया था यह सेंटर लगातार चलता रहा ।लेकिन 1990 के आसपास इस संपत्ति को नगर पालिका पीलीभीत द्वारा अपने कब्जे में लेकर यहां बने भवन क्वार्टर आदि गिरवा कर उसका मलवा अवैध रूप से बेच दिया गया।लाखों के बारे न्यारे किये गये।लेकिन इसकी कोई सूचना रेड क्रॉस सोसाइटी को नहीं दी गई ।जबकि इसका स्वामित्व रेड क्रॉस सोसाइटी का था भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की संपत्तियों के ब्योरे का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध ना होने एवं स्थानीय पदाधिकारियों को इसकी जानकारी ना होने के कारण भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा समय से आवश्यक कदम उठाकर संपत्ति की रक्षा नहीं की जा सकी तथा नगर पालिका परिषद पीलीभीत द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी की करोड़ों की जमीन को नुकसान पहुंचाया गया है।
उपलब्ध तत्वों से स्पष्ट होता है की नगर पालिका परिषद पीलीभीत द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी की संपत्ति को बिना अधिकार कब्जा कर किया गया है जिसके लिए नगर पालिका पीलीभीत एवं अवैध कब्जे दार दुकानदार करोड़ों की संपत्ति पर मौज कर रहे हैं। नगर पालिका पीलीभीत एवं उसके द्वारा प्रीमियम लेकर किराए पर दी गई संपत्तियों के कब्जे दारों को बेदखल कर इस संपत्ति पर रेड क्रॉस सोसाइटी का कब्जा करवाना अति आवश्यक है ।
रेड क्रॉस सोसाइटी पीलीभीत के पदेन अध्यक्ष जिला अधिकारी महोदय खुद हैं।
तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपनी जांच में स्पष्ट किया है कि यह जमीन रेड क्रॉस सोसाइटी की है और नगर पालिका परिषद ने अवैध रूप से कब्जा कर इस पर दुकानों का अवैध रूप से निर्माण कराया है और अवैध रूप से दुकानदारों को दुकानों की नीलामी कर अवैध कब्जा कराया है व कुछ दुकानदार पहले से ही इस बेशकीमती जमीन पर कब्जा करे हुए थे। जिस पर वैधता की मोहर फर्जी रूप से नगर पालिका परिषद में लगा दी है।
तमाम शिकायते की जाने के बाद हर शिकायत के सही पाए जाने पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा खानापूर्ति करते हुए पालिका के एक बाबू को निलंबित किया जाता है किन्तु कुछ समय बाद बहाल कर दिया जाता है। ये बिडम्बना ही है कि शिकायतों के सही पाए जाने के बाबजूद दोषियों पर कोई कार्यवाई नही होती । रेड क्रॉस सोसाइटी की इस जमीन को कब्जे दारों से मुक्त करा कर इस संपत्ति पर रेड क्रॉस सोसाइटी का कब्जा करवाना अति आवश्यक है यदि ऐसा नहीं होता है तो प्रशासन की उदासीनता पर प्रश्न लगता है।