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साहब! 250 की दिहाड़ी 400 का खर्चा, कैसे करें योग पर चर्चा

  • योग से रोग को दूर करने वाले अंशकालीन योग प्रशिक्षक खुद बनते जा रहे रोगी।
  • आलाधिकारियों को नही दिखता अंशकालीन योग प्रशिक्षकों का दर्द।

पीलीभीत।सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हैल्थ वेलनेस सेंटर। जहां जनता के ‘रोग’ तो दूर करते करते खुद योग प्रशिक्षक रोगी हो रहे हैं।बता दें कि प्रत्येक आयुर्वेदिक अस्पताल में खोले जा रहे हेल्थ वेलनेस सेंटर में सरकार द्वारा 1 घण्टे के लिए मानदेय पर योग प्रशिक्षकों की दिसंबर माह में नियुक्ति की गई थी। जिसमे महिला प्रशिक्षक को महीने में 1 घण्टे के 20 कैम्प के लिये 5000 और पुरुष प्रशिक्षक को 32 कैम्प के लिये 8000 मानदेय निश्चित है, किंतु योग प्रशिक्षकों को 1 घण्टे के बजाय 2 से 3 घण्टे सेवा देनी पड़ रही है। दिसम्बर माह में नियुक्ति होने के 3 माह बाद पारिश्रमिक मिला कि किंतु उसके बाद 6 माह बीतने के बाबजूद प्रशिक्षकों को मानदेय का भुगतान नही किया गया। महंगाई के इस दौर में योग प्रशिक्षको को तंगहाली में गुजरना पड़ रहा है। इतना ही नही आला अधिकारियों द्वारा प्रत्येक योग प्रशिक्षक की ड्यूटी नमामि गंगे योजना के अंतर्गत बनाये गए घाटों पर लगा दी गयी। पीलीभीत के गोमती उद्गम से शाहजहांपुर तक आने वाले घाटों पर प्रशिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। पीलीभीत से जिनकी दूरी 40 से 60 किमी है जिसके लिये योग प्रशिक्षकों को जाने के लिये कम से कम 350 से 400 रुपये खर्चा करना पड़ता है। ऊपर से 1 घण्टे की नौकरी के किया 5 घण्टे बर्बाद करने पड़ते हैं।

फिलहाल अब प्रशिक्षकों को ये फिक्र है कि आखिर 250 रुपये की दिहाड़ी पर 400 रुपये का पेट्रोल कहाँ से डाले और कैसे नौकरी करें।

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