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पीलीभीत हमारा चुनाव क्षेत्र नही, घर है हमारा:वरुण गांधी

  • दो दिवसीय दौरे पर रविवार को पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गाँधी ।
  • पूरनपुर क्षेत्र के एक दर्जन ग्रामों में जनसंवाद कार्यक्रमों को किया संबोधित।

पीलीभीत। पीलीभीत में दो दिवसीय दौरे पर रविवार को पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर क्षेत्र के ग्राम बैजूनगर, विधिपुर, इटोरिया, शिवनगर, बानगंज, ग्रांट, लालपुर, नदहा, सिसैया, पिपरिया आदि ग्रामों में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित किया। सांसद वरुण गांधी ने बिना नाम लिए कुछ क्षेत्रीय नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिनके पास पहले खाने को रोटी नहीं थी, आज वह बड़े-बड़े काफिले में चल रहे हैं। पूंछा वह किस पैसे चल रहे हैं। वरुण गांधी ने कहा कि उनके पिता ने एक लाख करोड़ की मारुति कंपनी देश के नाम दान दे दी थी, क्या आज के नेता ऐसा कर पाएंगे। आज कोई 500 रूपये टेबल पर छोड़ने को तैयार नहीं है, एक लाख करोड़ की बात तो छोड़ो। सांसद ने जनता से कहा आप लोगों को अच्छे, बुरे की पहचान है, आपको यह सिखाने की जरूरत नहीं है। सब लोग जानते हैं कौन सही है और कौन गलत। बोले कि सही का साथ दीजिए, यही धर्म है, इसी का नाम राष्ट्रीयता, इसी का नाम मानवता और इसी का नाम जिंदगी है। सांसद ने कहा याद रखना यह जो बाजू हैं यह आपकी पहचान है, अपनी पहचान को अगर कूड़े में डाल दोगे तो गीदड़ आपको कभी बढ़ने नहीं देंगे। सांसद बोले मैं राजनीति में नाम और पैसा कमाने नहीं आया हूं, वह सब मेरे पास पहले से है। पीलीभीत और देश के साथ जो रिश्ता बनाया है वह रिश्ते हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी। उन्होंने कहा जब आप दिल्ली, जयपुर, पटना कोलकाता, सोनीपत, मुंबई आदि कहीं भी जाते हैं तो वहां बोलते हो कि वरुण गांधी और मेनका गांधी वाले पीलीभीत से हूं, यही पूंजी हमारे लिए काफी है।

संविदा की असली नौकरी नहीं, जब चाहें तब निकाल देते हैं:

वरुण सांसद वरुण गांधी ने कहा हमारे देश में 90 फीसदी सरकारी नौकरी संविदा पर हो रही हैं, संविदा की नौकरी असली नौकरी नहीं है। किसी आशा बहू, आंगनबाड़ी, शिक्षा मित्र या किसी अन्य संविदा कर्मचारी से पूछो तो वे कहते हैं कि जब उनसे काम लेना होता है, काफ़ी काम लेते है, लेकिन जब उनको निकालना होता है तो मक्खी कि तरह निकलकर फेक देते है, न ही कोई सुरक्षा है न भविष्य। सांसद ने कहा इस सभा में काफी नौजवान बैठे हैं, उनका भविष्य क्या है। क्या पूरे दिन यूट्यूब पर या इस्टाग्राम ही देखते रहेंगे या अपने जीवन में कुछ करेंगे, अगर करेंगे तो कैसे करेंगे, महंगी शिक्षा है, माता-पिता के पास इतने पैसे हैं नहीं कि वह पढ़ा सके। दिल्ली में जाएंगे अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाएंगे तो क्या उनको कोई नौकरी देगा। खेती-बाड़ी से आज किसी का घर नहीं चलता है। किसान हमेशा कर्ज में ही डूबा रहता है। सांसद ने कहा आपको ऐसे लोग राजनीति में चाहिए जो आपके लिए आपके हक की लड़ाई लड़ सके, सच्चाई बोल सके, अगर हर आदमी मीठी-मीठी बात करेगा, तो देश कैसे खड़ा होगा। यह देश हमारे अंदर है, और यह नारों या जय बोलने से खड़ा नही होगा बल्कि यह देश तब बनेगा जब किसान, नौजवान, छोटे व्यापारी, कर्मचारी इन सबकी रक्षा होगी।

उद्योगपतियों से ज्यादा गरीबों को लोन की जरूरत:

सांसद सांसद वरुण गांधी ने लोन प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज लोन की जरूरत जितनी गरीबों को है, उतनी उद्योगपतियों को नहीं है। लेकिन उद्योगपतियों को आसानी से लोन मिल जाता है। अगर कोई उद्योगपति लोन नहीं चुका पाता है, तो उनसे सिर्फ मूलधन जमा करने को कह दिया जाता है, लेकिन अगर कोई गरीब लोन नहीं चुका पाता है तो उनके घर की कुर्की करने की तैयारी शुरू कर दी जाती है।

कोविड के दौरान नेता घर में छुपे थे, मैंने की लोगों की मदद:

वरुण कोरोना काल को याद करते हुए सांसद वरुण गांधी ने कहा जब यह विपत्ति आई थी तो कोई नेता अपने घर से नहीं निकलते थे, वह डरते थे। लेकिन वरुण गांधी हर हफ्ते पीलीभीत आते थे और लोगों की हर संभव मदद करते थे। जनपद वासियों के लिए बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई, मुफ्त में दवाइयां दी, ताकि लोगों को बचाया जा सके। इतना ही नहीं पीलीभीत, बीसलपुर, पूरनपुर आदि के अस्पतालों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी कराई, ताकि इस विपत्ति में कोई भी भूखा ना सोए। पीलीभीत की जनता हमारा परिवार है, कोविड के दौरान हमने यह सिद्ध करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि वह राजनीति को एक सेवा के रूप में करते हैं न कि हथियार के रूप में। जनता के द्वारा चुने जाने के बाद लोग भूल जाते हैं कि उनकी खुद की औकात क्या थी।

गरीबों के लिए तो कानून है, लेकिन बलवान हैं तो कुछ नहीं होगा:

सांसद कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सांसद ने कहा हमेशा किसान का शोषण होता आ रहा है। पीलीभीत के अलावा आसपास के जनपदों में काफी चीनी मिले हैं। हमारा दावा है कि पिछले 20 सालों में किसी भी चीनी मिल ने समय से किसानों का गन्ना भुगतान नहीं किया है, आखिर ऐसा क्यों। क्योंकि चीनी मिलों पर कोई सख्त कानून नहीं है, जिसकी वजह से चीनी मिल की मनमानी हावी रहती है।

बुनियादी मुद्दों पर नहीं हो रही बात, लोगों को भटकाया जा रहा:

सांसद वरुण गांधी ने कहा देश का दुर्भाग्य है आज राजनीति बुनियादी मुद्दों पर नहीं नहीं बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने वाले मुद्दों पर केंद्रित होकर रहे गई है। जबकि उनकी राजनीतिक उन मुद्दों पर आधारित है जिससे आम आदमी का जीवन सुधरे। बोले कि जब चुनाव आते हैं, तो लोग प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर लगा देते हैं, लेकिन जब समस्या आती है तो कोई भी नहीं सामने आता है। कोविड-19 के दौरान उनके अलावा कितने नेता घर से बाहर निकले आप यह दृश्य खुद देख चुके हैं।अच्छे समय में दुनिया हमेशा साथ रहती है लेकिन बुरे समय में जो काम आए वही सच्चा दोस्त होता है।

कार्यक्रमों में सांसद प्रतिनिधि राजू आचार्य, राजेश प्रधान, जीवन लाल, रामशंकर, मुनीश गुड्डू, हरीश कश्यप, देवेंद्र सिंह, महावीर सिंह, वीरेंद्र सिंह, पंडित रामेश्वर दयाल, निरंजन लाल, राजेंद्र प्रसाद वर्मा, संतराम विश्वकर्मा, डॉ हेमराज शर्मा, ध्रुव सिंह, मनोज वर्मा, रामरतन पासवान, ब्रह्मस्वरूप त्रवेदी, छेदालाल गंगवार, डीपी यादव, दशरथ गूजर, राहुल पांडेय, बलजीत सिंह, सतनाम सिंह, सर्वजीत सिंह आदि मौजूद रहे।

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