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बरेली में नशा तस्करों पर बड़ी कार्यवाही 1.50 करोड़ की स्मैक और चरस के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार

  •  3 फरार 1किलो 439 ग्राम स्मैक और 552 ग्राम चरस बरामद

नशे की कालिख में रंगे चेहरे: टैम्पू में सवारियां बैठाकर सप्लाई करते थे करोड़ों की स्मैक और चरस, पुलिस ने खोला नेपाल कनेक्शन

बरेली।थाना बारादरी पुलिस ने रात के अंधेरे में चल रहे नशे के कारोबार पर करारा प्रहार किया है। पुलिस ने 99 बीघा ग्राउंड के पास मोटरसाइकिल के साथ खड़े तीन संदिग्धों को रुकने का इशारा किया, लेकिन वे भाग खड़े हुए। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए तीनों को दौड़ाकर पकड़ लिया। तलाशी में 1.439 किलो स्मैक और 552 ग्राम चरस/सुल्फा बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्त

फारुख पुत्र अनीस (ग्राम भिण्डोलिया)

शकील पुत्र अनीस (ग्राम भिण्डोलिया)

मसूद हुसैन पुत्र मकबूल (लेबर कॉलोनी, सीबीगंज)

तीनों तस्करों के पास से टीवीएस स्पोर्ट्स मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है, जिसका इस्तेमाल मादक पदार्थों के परिवहन में हो रहा था। पुलिस ने इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20/21 में मुकदमा दर्ज किया है, जिसे बाद में धारा 29 के साथ भी बढ़ाया गया है।

नेपाल से चलता है तस्करी का नेटवर्क:पूछताछ में सामने आया कि यह माल अफजाल नाम के तस्कर का है, जो अपने बेटे बिलाल और साथी रिजवान के साथ मिलकर नेपाल से रोडवेज बस के जरिए माल मंगवाता है। नेपाल में ‘वीरजी’ नामक व्यक्ति इनको स्मैक और चरस मुहैया कराता है। इसके बाद ये खेप बरेली पहुंचाई जाती है और यहीं से दिल्ली, रामपुर और उत्तराखंड तक सप्लाई होती है।

कोडवर्ड का जाल और डिजिटल चालाकी:

ये तस्कर व्हाट्सऐप कॉल और कोडवर्ड के जरिये आपस में संपर्क करते हैं। स्मैक को ‘ग्रीन लेवल’, चरस को ‘ब्लैक डॉग’ कहा जाता है। मात्रा बताने के लिए ‘C’ का प्रयोग होता है – C*10 मतलब 1 किलो। ग्राहक के नंबर भी कोडवर्ड में सेव किए जाते हैं, जैसे बदायूं के लिए 2424। पुलिस ने इस गैंग के नेटवर्क को बारीकी से खंगालना शुरू कर दिया है।

फरार हैं मास्टरमाइंड:मुख्य सरगना अफजाल, उसका बेटा बिलाल, और साथी रिजवान अभी फरार हैं। नेपाल से जुड़े इस नेटवर्क की परतें उधेड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।

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