बरेली: तौकीर रज़ा का खास नदीम पुलिस वायरलेस के साथ पकड़ा गया, 31 गिरफ्तार
रिपोर्ट:नन्दकिशोर शर्मा
बरेली। हाल ही में हुए बरेली बवाल की जांच में पुलिस को बड़ा सुराग हाथ लगा है। पता चला है कि मौलाना तौकीर रज़ा खां का करीबी और भरोसेमंद साथी नदीम खां न केवल उपद्रव की अगुवाई कर रहा था, बल्कि उसने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी का वायरलेस हैंडसेट भी छीन लिया था। रविवार देर रात पुलिस ने उसे दबोच लिया और उसकी निशानदेही पर वायरलेस बरामद कर लिया।
भीड़ को भड़काने में निभाई मुख्य भूमिका
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बवाल के दौरान नदीम सबसे आगे खड़ा होकर नारेबाज़ी कर रहा था और युवाओं को हिंसा के लिए उकसा रहा था। योजनाबद्ध तरीके से भीड़ को सड़क पर लाकर उसने माहौल बिगाड़ा। पुलिस ने कोतवाली क्षेत्र से दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया।
31 आरोपी गिरफ्त में, नफीस और सादिक भी शामिल
जांच में तेजी लाते हुए पुलिस ने अब तक 31 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें आईएमसी जिलाध्यक्ष सादिक, डॉ. नफीस और कई अन्य नाम शामिल हैं। उमेद, मुस्तकीम, जफरुद्दीन, मोहम्मद इमरोज़, शमशेर रज़ा, राहिल, फैसल, तौहीद खान और अरशद भी सलाखों के पीछे भेजे गए हैं। नफीस की नावल्टी स्थित मार्केट की 74 दुकानों को सील कर दिया गया है, जहां से संगठन का दफ्तर भी चलता था।
वायरलेस छीने जाने से टूटा पुलिस का संपर्क
कोतवाली प्रभारी अमित पांडेय के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में नदीम से पूछताछ पर पता चला कि उसने उपद्रव के बीच पुलिस वायरलेस छीना था। इसके कारण पुलिस बल के एक हिस्से का संपर्क बाकी टीमों से टूट गया, जिससे उपद्रवियों को बढ़त मिली और रणनीति लीक होने का खतरा पैदा हो गया।
नगर निगम ने सील की मार्केट
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि पहलवान साहब की मजार के पास बनी मार्केट में कई अवैध दुकानें नाले पर खड़ी की गई थीं। सोमवार को नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए सभी 74 दुकानों पर ताले जड़ दिए।
एसआईटी करेगी गहन जांच
शहर कप्तान मानुष पारीक की अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) इस पूरे मामले की तहकीकात करेगा। तीन सीओ और 14 इंस्पेक्टरों की टीम फंडिंग, योजना और मुख्य आरोपियों की भूमिका पर पड़ताल करेगी।
धार्मिक नेताओं की अपील
उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि “नबी का सम्मान दिलों में होना चाहिए, सड़कों पर हंगामे से नहीं। पोस्टर और प्रदर्शन से अपमान की स्थिति बनती है। सभी को शांति और संयम बनाए रखना चाहिए।”
हिंसा का असली चेहरा सामने आया
पुलिस की गिरफ्त में आए नदीम और नफीस की भूमिका ने साफ कर दिया है कि मौलाना तौकीर रज़ा के करीबी ही उपद्रव फैलाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने में सबसे आगे थे।