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पीलीभीत राज्य 

तालाब को पाटकर कॉलोनी विकसित करने की मंशा से पूर्व स्टाम्प चोरी की घटना को जमीनी कारोबारी ने दिया अंजाम

Mohit @express views

पीलीभीत। रजिस्ट्री आफिस में जमीनों के क्रय-विक्रय में जमकर फर्जीबाड़ा किया जा रहा है। रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से कामर्शियल उपयोग की जमीनों को आवासीय एवं अर्द्ध आवासीय सहित कृषि भूमि में दर्शाकर लाखों की स्टाम्प चोरी मामलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जमीनी कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाकर रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारी शासकीय क्षति करके अपना स्वार्थ सिद्ध करने में जुटे हैं। वहीं जमीनी कारोबारी ग्रीन बेल्ट में कॉलोनी विकसित करने की जुगत में जुट गए हैं , जबकि किसी भी दशा में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में कॉलोनी का निर्माण नही किया जा सकता।


बतातें चलें कि 16 मार्च 2020 को रजिस्ट्री कार्यालय पीलीभीत में लेखपत्र संख्या 2395 खण्ड 8704 पंजीकृत किया गया। इस बैनामे में दर्ज खसरा संख्या 27 क , 28 क , 29 क कुल रकबा 0.433 हेक्टेयर के विक्रेता योगेंद्र सहाय पुत्र भगवान सहाय उर्फ सुरेंद्र सहाय निवासी अशोक कॉलोनी पीलीभीत और हाल निवासी 260 क्यू जलवायु बिहार , सेक्टर 21 नोएडा गौतमबुद्ध नगर हैं। जमीनी कारोबारी व पुलिस विभाग से बीआरएस लेने के बाद भी अपना पता कोतवाली कैम्पस दर्शाने बाले वेदप्रकाश व इनके साथ देवांश अग्रवाल पुत्र सुरेश अग्रवाल निवासी 56 दुर्गाप्रसाद पीलीभीत भी जमीन क्रेता में शामिल हैं। जमीनी खरीद-फरोख्त में रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों और जमीनी कारोबारियों की मिलीभगत से उक्त जमीन में 300 वर्ग गज जमीन को आवासीय भूमि दर्शाकर स्टाम्प ड्यूटी अदा की गई और 300 वर्ग गज जमीन को अर्द्ध आवासीय भूमि दर्शाकर स्टाम्प ड्यूटी में चोरी की गई , इतना ही नही 0.383 हेक्टेयर भूमि को कृषि भूमि दर्शाया गया और योजनावद्ध तरीके से स्टाम्प चोरी सहित आयकर अथवा संपत्ति कर की भी चोरी की गई है। विदित हो कि आबादी भूमि के अनुसार इस जमीन की मालियत लगभग 2 करोड़ 25 लाख होती है और बात अगर कामर्शियल की करें तो इसी जमीन की कीमत लगभग 4 करोड़ होती है , जबकि बैनामे में स्टाम्प ड्यूटी 49 लाख पर अदा की गई है। इस तरह जमीनी कारोबारी और रजिस्ट्री ऑफिस के भ्रष्टाचारी गठजोड़ से लगभग 15 से 35 लाख रुपये के स्टाम्प की चोरी और लगभग 60 लाख रुपये के आयकर/संपत्तिकर की चोरी को योजनावद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है।
ज्ञात रहे कि यह जमीन ग्रीन बेल्ट में शामिल है और इसकी पूरब दिशा में जिला पंचायत की जमीन पर निर्मित कांशीराम आवासीय कॉलोनी ट्रांसपोर्ट नगर , उत्तर दिशा में गौशाला व दक्षिण दिशा में गोपाल राइस मिल है। पश्चिम दिशा में ग्राम पकड़िया नौगवां चक मु.बाहर चुंगी स्थित खसरा संख्या 632 व 633 जलमग्न भूमि तालाब राजस्व अभिलेखों में दर्ज है , जिनका कुल रकबा 1.109 हेक्टेयर है।

चारों दिशाओं से बन्द निकास बाली ग्रीन बेल्ट की जमीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित करने के उद्देश्य से जमीनी कारोबारियों ने खसरा संख्या 632 व 633 में दर्ज तालाबों को पाटकर अस्तित्वहीन कर दिया है और कॉलोनी का निकास रामलीला-आसाम रोड पर लेने के प्रयास तेज कर दिए हैं।जानकारी के मुताबिक रेलवे गेट न.2 से पूरनपुर रोड तक ग्रीन बेल्ट भूमि है , जिसपर किसी भी दशा में कॉलोनी विकसित नही की जा सकती , लेकिन राम वाटिका कॉलोनी के विकासकर्ताओं के खिलाफ ठोस कार्यवाही न होने से जमीनी कारोबारियों के हौंसले बुलंद हो गए है , और उन्हें प्रशासन का जरा भी खौफ नही रहा है।यह ही कारण हैं कि जमीनी कारोबारी जहां मर्जी चाहें आरबीओ एक्ट के विपरीत कॉलोनियां विकसित करने के लिए प्लाटिंग करने में जुटे हैं।

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