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74वें स्वतन्त्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का किया ऐलान

@express views desk:कोरोना वायरस संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी आज लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की देशवासियों को बधाई देने के बाद राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पहुंचे। यहां पर लाहौरी गेट पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। गार्ड ऑफ ऑनर की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव एस येवलकर द्वारा की गई। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है। कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है।
अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी। ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं। उस कालखंड में विस्तारवाद की सोच वालों ने दुनिया में जहां भी फैल सकते थे, फैलने की कोशिश की, लेकिन भारत का आजादी आंदोलन दुनिया में एक प्रेरणा पुंज बन गया, दिव्य स्तंभ बन गया और दुनिया में आजादी की अलख जगी। मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है। मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है। कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है। ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।

आज दुनिया इंटर-कनेक्टेड है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है। जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है। आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना ही होगा। भारत के किसान सिर्फ देश के लोगों का पेट नहीं भरते, बल्कि दुनिया में जहां लोगों को जरूरत होती है, वहां के लोगों का भी पेट भरते हैं।

आज 74 व स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कोरोना वायरस संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी आज लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की देशवासियों को बधाई देने के बाद राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पहुंचे। यहां पर लाहौरी गेट पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। गार्ड ऑफ ऑनर की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव एस येवलकर द्वारा की गई। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है। कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी। ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं। उस कालखंड में विस्तारवाद की सोच वालों ने दुनिया में जहां भी फैल सकते थे, फैलने की कोशिश की, लेकिन भारत का आजादी आंदोलन दुनिया में एक प्रेरणा पुंज बन गया, दिव्य स्तंभ बन गया और दुनिया में आजादी की अलख जगी। मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है। मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है। कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है। ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है। जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है। आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना ही होगा। भारत के किसान सिर्फ देश के लोगों का पेट नहीं भरते, बल्कि दुनिया में जहां लोगों को जरूरत होती है, वहां के लोगों का भी पेट भरते हैं। लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान को दिया दी चेतावनी, बोले- जिसने भी उठाई आंखें, उसे दिया जवाब आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ इंपोर्ट को कम करना ही नहीं है, बल्कि हमारे सामर्थ्य के आधार पर अपने कौशल को बढ़ाना है। आत्मनिर्भर भारत में कई चुनौतियां होंगी, लेकिन अगर ये चुनौतियां हैं तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी है। कोरोना संकट में हमारे देश के लोगों ने बीड़ा उठाया और सिर्फ कुछ महीना पहले तक जहां N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर, ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया। भारत में परिवर्तन के इस काल में रिफॉर्म को दुनिया देख रही है। बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रूख कर रही हैं। हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। तमान प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी देश ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। देश को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान। किसान को तमाम बंधनों से मुक्त करना हो वो काम हमने कर दिया है। देश के सामान्य नागरिक की मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है। बीते 6 वर्षों में देश में मेहनत करने वाले लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। बिना किसी भेद-भाव के, पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों को कई योजनाओं के द्वारा मदद पहुंचाई गई है। मेरे देश का किसान, जो उत्पादन करता था, वो न अपनी मर्जी से बेच सकता और न अपनी मर्जी के दाम प्राप्त कर सकता था। उसके लिए दायरा तय था। हमने उन सारे बंधनों से किसानों को मुक्त कर दिया है। अब हिंदुस्तान का किसान आजादी के साथ कहीं पर भी अपनी फसल बेच पाएगा। देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए इस कोरेाना काल में ही कुछ दिन पहले 1 लाख करोड़ रुपये का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है। इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। जो हमने सपना लिया है- पीने का शुद्ध जल, नल से जल हमारे देशवासियों को मिलना चहिए। आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है। मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं। मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए। एक आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा आधार है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। हिंदुस्तान के हर कौने में इसका स्वागत हो रहा है। कोरोना काल में ऑन लाइन पढ़ाई की शुरुआत हुई है। कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है। पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ है। साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं। बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। जो एक लाख पंचायतें बाकी हैं वहां पर भी तेजी से काम चल रहा है। महिला शक्ति को जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। महिलाओं को स्वरोजगार और रोजगार के नए अवसर देने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं। कोरोना के कालखंड में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने सिखाई है। जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक Lab थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा Labs हैं।

आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत आज हो रही है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक Health ID में समाहित होगी। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के माध्यम से लोगों को तमाम दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी।

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