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समाज सेवी कलीम अतहर की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को दिए गए कार्रवाई के आदेश

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पीलीभीत । नगर के प्रमुख सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता ने नगर क्षेत्र में आवासीय कालोनी के पास खुली पंजीकृत व गैर पंजीकृत मीट दुकानदार द्वारा खुले में मांस के अवशेष फैके जाने से प्रदूषण संक्रामक रोग और आसपास घूमने वाले कुत्तों के आक्रामक रूख अख्तियार करने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा जिलाधिकारी को पत्र भेजे है। इस पत्र पर मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को कार्रवाई के लिए कहा गया है।
भेजे गए पत्र में कलीम अतहर खां ने कहा है कि पीलीभीत शहर में नकटादाना चैराहे से कोर्ट रोड बेलों वाले चैराहे तक, शहर कोतवाली के पास, स्टेशन से बरहा के बीच में कई मीट विक्रेताओं की दुकाने है जो या तो नाले के ऊपर बनायी गयी हैं या सड़क किनारे जिनमें कुछ मीट के दुकानदार ने तो अपनी दुकानो पर अच्छी टाईल, शीशे के दरबाजे डस्टबिन रखा तो है लेकिन अधिकतर मीट दुकानदार अंधेरा होते ही बकरे, मुर्गा के बचे हुए अवशेषो को नाले में डाल देते है दुकान के सामने या बराबर में खाली पड़े जगह/प्लाट पर अधेंरे की फेक देते है। ’’कौन देखता किसने क्या डाला’’ आवारा कुत्ते रात के अंधेरे में या अन्य समय में मीट दुकानदारो द्वारा फेंके गये कच्चे गन्दे मांस के अवशेष खाते है। कभी-कभी तो यह मांस दो-तीन दिन तक पड़ा सड़ता रहता है। यह कार्य अधिकतर नटकदाना बिजली घर के पास पड़ी खाली जमीनों पर किया जाता है। या गहरे गड्डे में मवेशी को काटा जाता है। इन आवारा कुत्तो में संक्रमण पैदा हा रहे हैं जिस कारण यह आक्रमक होकर छोटे बच्चो व राहगीरो को काटकर घायल कर रहे है। इस तरह के कुत्तो में बार-बार कच्चा मीट खाने से कई तरह के संक्रमण पैदा हो रहे हैं। जिस कारण कुत्ते को कच्चे मांस की अन्दर से तलब उठती हैं। जिस कारण वह आसानी से शिकार छोटे बच्चो का करते हैं। गर्मी के दिनो में अप्रैल, मई, जून, जुलाई के दिनो में संक्रमणीय ज्यादा पैदा होता है।
पत्र में कहा गया है कि हाल ही में छोटे बच्चो को काटने की घटनायें किच्छा, सीतापुर, लखीमपुर, सहारनपुर में घटित हुई हैं। साथ ही यह संक्रमित कुत्ते छोटे बकरी के बच्चो या छोटे मवेशियों को शिकार बनाते है। कुत्ते द्वारा वर्ष 2017-18 में पीलीभीत में भी कुत्ते द्वारा काटने की घटना सामने आयी है। इन दुकानदारों ने मांस विक्रेता के रूप में पंजीकरण तो करा लिया लेकिन एनजीटी, उप्र प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड से एनओसी नही ली क्योकि यह सब मीट प्रोसेसिंट यूनिट के क्षेत्र में आता है इसलिए एनओसी लेना आवश्यक है। शहर में सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र कमल्ले चैराहे से नकटादाना चैराहे के बीच कोर्ट रोड है जहाॅ थोडी थोडी दूर पर मटन चिकन मीट की दुकाने हैं। क्षेत्र में कक्षा एक से इन्टरमीएट तक कई स्कूल है यहाॅ छोटे-छोटे बच्चे पैदल या साईकिल से आते जाते हैं साथ ही नकटादाना चैराहे से स्नातक छात्र-छात्राएं भी निकलते है। कोर्ट जाने के लिए अधिवक्तागण, कलेक्ट्रेट कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी व एवं नागरिक गण निकलते है।
पत्र में कलीम अतहर खां ने अनुरोध किया है कि ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर इन पर ठोस कार्यवाही कर दण्डित किया जाये ताकि यह दोबारा गलत कार्य न कर सके। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को जांच के आदेश दिये है।

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